Delhi Assembly Election: गोपाल राय ने दूसरे प्रयास में किया नरेश को चित, ऐसे बदला था गणित
2015 के चुनाव में आप की पूरी दिल्ली में ऐसी आंधी चली कि नरेश गौड़ भी अपना किला नहीं बचा पाए। पहले चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे गोपाल राय ने इस बार इस सीट की सबसे बड़ी जीत दर्ज की।
नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। Delhi Assembly Election 2020: भाजपा और कांग्रेस के कई किले तो आम आदमी पार्टी ने पहले ही चुनाव में हड़प लिए थे। लेकिन, भाजपा का बाबरपुर का किला ऐसा था, जहां आप प्रत्याशी गोपाल राय ने प्रयास तो किया लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। यहां के विधायक थे नरेश गौड़। नरेश गौड़ इस सीट पर चार बार विधायक चुने जा चुके थे। हालांकि, गोपाल राय ने दूसरे प्रयास में यह सीट नरेश के हाथ से छीन ली थी। 2015 के चुनाव में आप प्रत्याशी गोपाल राय ने 35 हजार से ज्यादा वोटों से नरेश गौड़ को शिकस्त दी थी। यह इस सीट पर सबसे बड़ी जीत भी थी। इससे पहले नरेश गौड़ इस सीट पर साल 2003 का चुनाव कांग्रेस के विनय शर्मा से हारे थे, लेकिन तब जीत का अंतर मात्र 4,259 वोट था।
90 के दशक में ऐसा था सीट का गणित
इस सीट पर 1993 में हुए पहले चुनाव में भाजपा की तरफ से नरेश गौड़ और कांग्रेस से भोपाल सिंह मैदान में थे। पहले ही चुनाव में नरेश गौड़ को 53.3 फीसद और दूसरे स्थान पर रहे भोपाल सिंह को 14.51 फीसद मत मिले। नरेश गौड़ ने यहा चुनाव 15,301 वोटों से जीता था। 1998 के दूसरे चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अब्दुल हमीद को टिकट दिया लेकिन वह भी नरेश गौड़ से पटखनी खा गए। हालांकि यह मुकाबला कांटे का रहा। अब्दुल हमीद को 41.13 फीसद और नरेश गौड़ को 42.96 फीसद वोट मिले। इस साल जीत का अंतर महज 967 वोट का रहा।
कांग्रेस के नेता विनय शर्मा ने दी थी नरेश को पटखनी
दो बार लगातार जीतने के बाद 2003 में उत्साह से भरे नरेश गौड़ को कांग्रेस के विनय शर्मा ने पहली बार मात दे दी। विनय शर्मा को 47.52 फीसद और नरेश गौड़ को 39.62 फीसद मत मिले। विनय शर्मा ने 4,259 वोटों से यह चुनाव जीता। 2008 के अगले चुनाव में नरेश गौड़ ने फिर वापसी की, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस-भाजपा से ज्यादा बसपा प्रत्याशी ने चौंका दिया।
बसपा की उपस्थिति से सब चौंक गए थे
बसपा की तरफ से हाजी दिलशाद अली ने सिर्फ शानदार उपस्थिति दर्ज कराई बल्कि कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल कुमार वशिष्ठ को तीसरे नंबर पर धकेल लिया। नरेश गौड़ ने दिलशाद अली को 3,826 वोटों से शिकस्त दी।
2013 में आप ने किया था राजनीति में प्रवेश
इसके बाद 2013 के चुनाव में आप ने दिल्ली की राजनीति में प्रवेश किया। पार्टी ने यहां गोपाल राय को अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह सीधे मुकाबले में भी नहीं आ सके। इस चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला रहा। नरेश गौड़ ने सीट पर चौथी जीत दर्ज की। कांग्रेस के जाकिर खान दूसरे स्थान पर रहे। जीत का अंतर 4,507 वोटों का रहा।
आप में आंधी में हिल गया भाजपा का किला
2015 के चुनाव में आप की पूरी दिल्ली में ऐसी आंधी चली कि नरेश गौड़ भी अपना किला नहीं बचा पाए। पहले चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे गोपाल राय ने इस बार इस सीट की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। उन्हें 59.14 फीसद और नरेश गौड़ को 31.76 फीसद वोट मिले। इस चुनाव में भी कांग्रेस के प्रत्याशी जाकिर खान थे, जो तीसरे स्थान पर पहुंच गए। इस बार फिर से नरेश गौड़ और गोपाल राय मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस से अंवीक्षा त्रिपाठी जैन मैदान में हैं।