Delhi Assembly Election Result 2020 Vs 2015: 'आप' ने बचाईं सभी 11 वीआईपी सीटें, 'भाजपा' एक बचाने में कामयाब
Delhi Assembly Election 2020 नई दिल्ली सीट आप के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 21697 मतों से जीत चुके हैं। उन्होंने भाजपा के सुनील कुमार यादव को हराया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता ने साबित कर दिया कि वो ही असल में जनार्दन है। 70 सीटों के लिए 8 फरवरी को हुए चुनावों के नतीजे 11 फरवरी को घोषित हुए और जैसे-जैसे परिणाम सामने आये, राउंड-दर-राउंड आम आदमी पार्टी बढ़त हासिल करती रही। अधिकांश एग्ज़िट पॉल्स में यह दावा तो किया गया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी, मगर प्रचंड बहुमत की पुनरावृत्ति होगी, इसका अंदाज़ा कम ही था।
नतीजों से स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी अपनी अधिकांश सीटें बचाने में कामयाब रही है। पार्टी के दिग्गज नेता जिन सीटों पर लड़ रहे थे, उन पर पार्टी ने अपनी पकड़ बनाकर रखी है। हालांकि कुछ सीटों पर शुरुआती रुझानों ने धड़कनें बढ़ा दी थीं। 2015 में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार 62 सीटें अपने नाम कीं। वहीं भारतीय जनता पार्टी 2015 में सिर्फ़ 3 सीटें ही जीत पायी थी। इस बार यह संख्या बढ़कर 8 हो गयी है।
- अब अगर वीआईपी सीटों की बात करें तो नई दिल्ली सीट आप के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 21697 मतों से जीत चुके हैं। उन्होंने भाजपा के सुनील कुमार यादव को हराया है। यह सीट 2015 में भी आप के ही पास थी।
- पटपड़गंज की सीट से उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 3207 मतों से जीत चुके हैं। उन्होंने भाजपा के रविंदर सिंग नेगी को शिकस्त दी। 2015 में भी यह सीट आप ही के पास थी।
- चांदनी चौक विधानसभा सीट आम आदमी पार्टी के प्रह्वलाद सिंह साहनी ने 29584 वोटों से जीत ली है। उन्होंने भाजपा के सुमन कुमार गुप्ता को हराया है। 2015 में यह सीट आप के पास ही थी। अलबत्ता विजेता अलका लाम्बा थीं, जो इस बार कांग्रेस के टिकट पर लड़ीं और हार गयीं। अलका के बाग़ी होने की वजह से भी इस सीट पर सबकी नज़र थी।
- कालकाजी विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के धरमबीर सिंह को 11393 वोटों से हराया। 2015 में यह सीट आप के ही अवतार सिंह के पास थी। यहां से कांग्रेस ने शिवानी चोपड़ा को उतारा था, जो तीन बार के विधायक सुभाष चोपड़ा की बेटी हैं।
- ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज 16809 मतों से जीत चुके हैं। उन्होंने भाजपा की शिखा रॉय को हराया है। सौरभ ने इस सीट पर हैट ट्रिक लगाई है। 2013 और 2015 में वो इस सीट से जीत चुके हैं।
- बाबरपुर सीट से आम आदमी पार्टी के नेता और मंत्री गोपाल राय ने ताल ठोंकी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के नरेश गौड़ को 33062 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। 2015 में भी गोपाल राय इस सीट विधायक बने थे।
- रजिंदर नगर सीट से आम आदमी पार्टी के नेता और प्रवक्ता राघव चड्ढा ने 20058 मतों से भाजपा के सरदार आर पी सिंह को हराकर जीत अपने नाम की। 2015 में यह इस सीट से आम आदमी पार्टी के विजेंद्र गर्ग विधायक बने थे।
- ओखला सीट पर आप के अमानतुल्लाह ने 71827 मतों से जीत दर्ज़ की है। यहां उनका मुक़ाबला बीजेपी के ब्रह्म सिंह से था। 2015 में भी इस सीट से अमानतुल्लाह ही विधायक थे। इस बार उन्होंने अपनी जीत का पुराना रिकॉर्ड तोड़ा हैं। चुनावी घमासान में मुद्दा बना शाहीन बाग इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है। इसीलिए इस सीट पर सब नज़रें लगाये थे।
- बल्लामारान सीट से आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन ने 36172 वोटों से भाजपा की लता सोढी को हराया है। इस सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता हारुन यूसुफ भी मैदान में उतरे थे। 2015 में भी यह सीट इमरान के ही पास थी।
- भाजपा के विजेंदर गुप्ता रोहिणी से अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। उन्होंने आम आदमी पार्टी के राजेशनामा बंसीवाला को 12648 वोटों से पराजित किया। 2015 में भी यह सीट भाजपा के ही पास थी।
- नजफ़गढ़ सीट आम आदमी पार्टी के कैलाश गहलोत ने 6231 वोटों से जीती। उन्होंने भाजपा के अजीत सिंह खरखरी को हराया। 2015 में यह सीट कैलाश के ही पास थी। हालांकि जीत का अंतर सिर्फ़ 1555 वोटों का था। कैलाश केजरीवाल सरकार में मंत्री भी बने।
- शकूरबस्ती सीट केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन 7592 सीटों से जीत चुके हैं। उन्होंने भाजपा के डॉ. एससी वत्स को हराया है। 2015 में जैन यहीं से आप के विधायक बने थे।