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CG Election 2018: क्या राजनांदगांव में इस बार बदल पाएगा 4-2 का समीकरण

राज्य बनने के बाद से अब तक के तीनों चुनाव में यहां का परिणाम 4-2 का रहा है।

By Rahul.vavikarEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 07:50 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 07:50 PM (IST)
CG Election 2018: क्या राजनांदगांव में इस बार बदल पाएगा 4-2 का समीकरण
CG Election 2018: क्या राजनांदगांव में इस बार बदल पाएगा 4-2 का समीकरण

राजनांदगांव, नईदुनिया प्रतिनिधि। जिले में विधानसभा की कुल छह सीटें हैं। राज्य बनने के बाद से अब तक के तीनों चुनाव में यहां का परिणाम 4-2 का रहा है। पहले दो चुनाव में भाजपा को चार और कांग्रेस दो सीट जीती तो पिछले चुनाव में यह सीमकरण पलट गया लेकिन आंकडा 4-2 का यथावत रहा।

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2013 में कांग्रेस के खाते में चार व भाजपा दो पर सिमट गई। इस बार चुनाव में जकांछ- बसपा गठबंधन व आप पार्टी के साथ दूसरी पार्टिंयां भी पूरी ताकत लगा रही हैं। हालांकि डोरगांव सीट से बसपा प्रत्याशी ने ऐन प्रचार थमने से पहले मैदान छोड़कर गठबंधन को तगड़ा झटका दिया है।

खैरागढ़

वर्तमान विधायक गिरवर जंघेल और भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को पूर्व सांसद व जकांछ के देवव्रत सिंह से चुनौती मिल रही है। यह सीट लोधी बाहुल्य है। भाजपा व कांग्रेस, दोनों ने इस बार भी जाति आधार पर ही टिकट बांटा है। हालांकि प्रचार में जाति का मुद्दा कहीं नजर नहीं आ रहा है। विकास के मुद्दे पर ही वोट मांगे जा रहे हैं। मैदान में कुल 15 प्रत्याशी हैं।

मतदान की स्थिति

2003 78.21

2008 76.51

2013 84.36

डोंगरगढ़

यहां भाजपा ने मौजूदा विधायक सरोजनी बंजारे को फिर से मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने भूवनेश्वर बघेल के रूप में युवा व नया चेहरे पर दांव खेला है। सीट अजा वर्ग के लिए आरक्षित है। जकांछ- बसपा गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में हैं। पार्टी ने यहां से मिश्रीलाल मारकंडे को टिकट दिया है। गोंगपा और आप समेत कुल दस प्रत्याशी मैदान में हैं।

मतदान की स्थिति

2003 77.76

2008 76.59

2013 82.51

राजनांदगांव

पहले चरण की इस हाईप्रोफाइल सीट पर कुल 30 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें भाजपा से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह हैं तो कांग्रेस से पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की भतीजी कस्र्णा शुक्ला हैं। डॉ. सिंह पिछला दो चुनाव इसी सीट से अच्छे खासे अंतर से जीते थे। देखना दिलचस्प होगा कि जम्बो प्रत्याशियों वाली इस सीट में कितने जमानत बचा पाते हैं।

मतदान की स्थिति

2003 76.63

2008 78.69

2013 82.36

डोंगरगांव

यहां लगभग 45 प्रतिशत वोटर साहू हैं। कांग्रेस ने अपने वर्तमान विधायक दलेश्वर साहू पर भरोसा किया है तो भाजपा ने पूर्व सांसद मधुसूदन यादव को मैदान में उतारा है। कुल एक दर्जन प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन बसपा प्रत्याशी ने एन वक्त पर मैदान छोड़ दिया है। आप समेत दूसरे दलों के प्रत्याशियों ने प्रचार के दौरान दोनों प्रमुख दलों की जमकर खामियां गिनाई है।

मतदान की स्थिति

2003 81.12

2008 79.70

2013 85.19

खुज्जी

साहू और आदिवासी बाहुल इस सीट पर कांग्रेस ने साहू विधायक भोलाराम साहू का टिकट काटकर छन्न्ी साहू को मैदान में उतारा है। भाजपा ने भी जातिगत समीकरण का फायदा उठाने हिरेंद्र साहू को मौका दिया है। इनके बीच में छजकां ने जनरैल सिंह भाटिया पर दांव लगाया है। दो समाज के बीच अपनी पुरानी पकड़ का फायदा उठाने छजकां प्रत्याशी पूरा जोर लगा रहे हैं। मैदान में 16 प्रत्याशी हैं।

मतदान की स्थिति

2003 77.22

2008 75.75

2013 84.96

मोहला-मानपुर

अजजा वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर गोड़ और हल्बा समाज के मतदाता ज्यादा हैं। भाजपा ने हल्बा कंचनमाला भूआर्य तो कांग्रेस ने मौजूदा विधायक का टिकट काट कर गोड़ समाज से इंद्रशाह मंडावी को प्रत्याशी बनाया है। गोड़ समाज से ही छजकां ने संजीत ठाकुर को मैदान में उतारा है। मैदान में कुल आठ प्रत्याशी हैं। करीब 80 प्रतिशत आबादी क्षेत्र जंगल में है। इस सीट के कई हिस्सों में नक्सल प्रभाव भी है।

मतदान की स्थिति

2003 अस्तित्व नहीं

2008 71.80

2013 80.45


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