छत्तीसगढ़ : इस विधानसभा में शून्य से शिखर पर पहुंची कांग्रेस
2013 के चुनाव में जिले की सीटों के साथ भाजपा के वोट शेयर में भी 2008 की तुलना में करीब पांच फीसद की गिरावट आई।
रायपुर (नईदुनिया)। छत्तीसगढ़ के नवगठित जिलों में शामिल बलरामपुर में विधानसभा की दो सीटें हैं। दोनों ही आदिवासी यानी अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। पिछले चुनाव के पहले तक इन सीटों पर भाजपा का दबदबा रहता था। 2008 के चुनाव में भाजपा ने 42 फीसद वोट शेयर के साथ दोनों सीटों पर कब्जा बरकरार रखा था। 2013 में कांग्रेस ने पूरा खेल बदल दिया। कांग्रेस का वोट शेयर 24 से सीधे 51 फीसद पर पहुंच गया। कांग्रेस की इस आंधी में लगातार चुनाव जीत रहे भाजपा के दिग्गज रामविचार नेताम भी हार गए।
नोटा तीसरे नंबर पर
2013 के चुनाव में जिले की दोनों सीटों पर नोटा तीसरे नंबर पर रहा। रामानुजगंज में नोटा में 3594 व सामरी में 6118 वोट पड़े। रामानुजगंज में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी व सामरी में बसपा तीसरे नंबर पर रही।
करीब पांच फीसद गिरा भाजपा का वोट
भाजपा ने 2013 के चुनाव में न केवल जिले की दोनों सीट गवां दीं, बल्कि पार्टी के वोट शेयर में भी 2008 की तुलना में करीब पांच फीसद की गिरावट आई। 2008 में 45 फीसद वोट हासिल करने वाले रामविचार 41 व सिद्धनाथ पैकरा 39 से सीधे 33 फीसद वोट पर आ गए। पैकरा सीट से सिद्धनाथ ने भी 2003 व 2008 का चुनाव जीता था।
बढ़ रहा मतदान का ग्राफ
जिले में मतदान का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। 2008 में रामानुजगंज में 82 और सामरी में 77 फीसद मतदान हुआ, जबकि 2008 में पूरे राज्य में मतदान कम हुआ था। 2013 में दोनों सीट पर वोट क्रमश: 86 व 83 फीसद वोट पड़ा।
मतदान की स्थिति | ||
सीट | 2008 | 2013 |
रामानुजगंज | 82.44 | 85.91 |
सामरी | 77.04 | 83.39 |
जिले वोट व शेयर का हिसाब | ||||
पार्टी | भाजपा | कांग्रेस | ||
वर्ष | वोट | सीट | वोट | सीट |
2008 | 42.42 | 2 | 23.71 | 0 |
2013 | 36.81 | 0 | 51.03 | 2 |