36 हजार करोड़ के नान घोटाले की फिर खुलेगी फाइल, सीएम ने मंगाई जानकारी
हालांकि यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि सरकार नॉन घोटाले की जांच के लिए कब कोई कदम उठाएगी।
रायपुर। प्रदेश में सत्ता बदलते ही 36 हजार करोड़ के नान घोटाले की फाइल फिर से खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। इस मामले में 27 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था और 17 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने इस घोटाले को लगातार उठाया है।
कांग्रेस यह बात भी उठती रही है कि घोटाले से जुड़ी एक डायरी मिली थी, जिसमें डॉक्टर साहब और सीएम मैडम लिखा हुआ था। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और ईओडब्ल्यू के सूत्रों के अनुसार मामले की फाइल खुलती है तो इस बिंदु पर भी जांच होगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नान घोटाले की फाइल मंगाई है। उस पर डीजीपी डीएम अवस्थी से उनकी चर्चा भी हुई है। मुख्यमंत्री फाइल का अध्ययन करेंगे और उसके बाद जांच पर फैसला लेंगे। बघेल मुख्यमंत्री बनने से पहले पीसीसी अध्यक्ष के नाते नान घोटाले को लेकर यह बात उठाते रहे हैं कि डॉक्टर साहब और सीएम मैडम कौन है? इसकी जांच कराई जाए। नान घोटाले की जांच और ईओडब्ल्यू साल 2015 से जांच कर रहा है।
नान में चेयरमेन रहे डॉ. आलोक शुक्ला और प्रबंध निदेशक रहे अनिल टुटेजा के खिलाफ 5 दिसबंर 2018 को एसीबी और ईओडबल्यू ने कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया था। दोनों ही अधिकारियों ने निचली अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया था।
अभियुक्त टुटेजा ने की है जांच की मांग
कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद अभियुक्त बनाए गए आइएएस अनिल टुटेजा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की थी। उन्होंने लिखा था कि एसीबी के अधिकारियों को दो साल पहले ही नान मामले से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करा दिए थे। टुटेजा ने यह भी लिखा था कि चुनाव के पहले पांच दिसंबर को कोर्ट में चालान पेश किया जाना, यह साफ बताता है कि जांच एजेंसी पर राजनीतिक दबाव था।