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सरगुजा संभाग में भाजपा का सूपड़ा साफ होने के बाद भी उत्साह नहीं, निराशा की ये है वजह

Chhattisgarh Congress: कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी एक पटाखे नहीं जले न ही जश्न मनाया गया।

By Rahul.vavikarEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 11:02 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 11:02 AM (IST)
सरगुजा संभाग में भाजपा का सूपड़ा साफ होने के बाद भी उत्साह नहीं, निराशा की ये है वजह
सरगुजा संभाग में भाजपा का सूपड़ा साफ होने के बाद भी उत्साह नहीं, निराशा की ये है वजह

अंबिकापुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। कई दिनों के सस्पेंस के बाद सरगुजा को अंततः निराशा हाथ लगी। शहर विधायक टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री नहीं बन पाए, इसे लेकर संभाग में निराशा है। जिससे कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी एक पटाखे नहीं जले न ही जश्न मनाया गया।

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सरगुजा में उस समय सन्नाटा पसर गया जब प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए भूपेश बघेल के नाम की घोषणा हुई। संभाग में 14 सीटें जीतने के बाद हर शख्स को यह लग रहा था कि सिंहदेव मुख्यमंत्री बनेंगे। अब इस रेस से पूरी तरह बाहर होने के बाद लोगों को यह उम्मीद है कि उन्हें भूपेश कबीना में नंबर दो की कुर्सी एवं अच्छे विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा।

विधानसभा चुनाव में इस बार जनघोषणा पत्र बनाकर प्रदेश में चर्चित नगर विधायक टीएस सिंहदेव को सरगुजा के हर व्यक्ति ने मुख्यमंत्री के रुप में देख लिया था। माना जा रहा है कि संभाग में उनके मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद पर ही लोगों ने वोट दिया। जब संभाग की सभी 14 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया और प्रदेश में भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ तो उम्मीद जगी कि सिंहदेव मुख्यमंत्री बन जाएंगे। अंबिकापुर, रायपुर से दिल्ली तक उनके नाम को लेकर लगातार चार दिन तक चर्चाओं का दौर चलता रहा।

पिछले चौबीस घंटे से सरगुजा में सिर्फ उनकी चर्चा होती रही। आज सुबह तक समर्थकों और सरगुजावासियों को यह आस थी कि वे मुख्यमंत्री बन ही जाएंगे, किन्तु ऐसा नहीं हुआ। राजधानी रायपुर में जैसे ही भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने की खबर आई तो सरगुजा संभाग में सन्नाटा पसर गया। टीएस सिंहदेव के मुख्यमंत्री न बनने पर छाई मायूसी ऐसी रही सरकार बनाने के बाद भी जिला कांग्रेस कार्यालय या फिर शहर में न जश्न मनाया या न पटाखे जलाए गए। सोशल मीडिया में भी सिंहदेव समर्थक नाराजगी जताते रहे। हालांकि सिंहदेव ने समर्थकों को समझाइश दी है और कहा है कि हमारा उद्देश्य 15 साल की भाजपा सरकार को हटाना था न कि मुख्यमंत्री बनना। आगे छत्तीसगढ़ व सरगुजा के हित में काम करना हमारा लक्ष्य है।

चिपके रहे टीवी सेट पर, हुए निराश

सुबह से सिंहदेव के निवास तपस्या में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता बैठे थे और न्यूज चैनलों पर नजर गढ़ाए थे। जैसे ही भूपेश बघेल के नाम की घोषणा हुई वे निराश हो गए। सरगुजा में लग ही नहीं रहा कि कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बनी है। कार्यकर्ताओं के साथ हर आम व खास के मन में सिंहदेव के मुख्यमंत्री न बनने की टीस है।

अब अच्छे विभाग में मंत्री की आस

अब सरगुजावासियों को उम्मीद है कि टीएस सिंहदेव अच्छे विभाग में कैबिनेट मंत्री बनेंगे। यह भी चर्चा है कि करीब चार विभाग उन्हें मिल रहा है, जिसमें गृह, वित्त, सामान्य प्रशासन, आवास एवं पर्यावरण जैसे विभाग शामिल हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी की मानें तो उक्त विभाग मिलना तय है।

ढाई-ढाई साल को लेकर भी चर्चाएं

सरगुजा के कांग्रेसियों ने अभी आस नहीं छोड़ी है। वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि ढाई-ढाई वर्ष के लिए समझौता हुआ है, जिसमें सिंहदेव ढाई वर्ष बाद मुख्यमंत्री बनेंगे। पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के साथ आम लोगों तक यह चर्चा का विषय है।

आगमन पर होगा भव्य स्वागत

भले ही सिंहदेव मुख्यमंत्री नहीं बन पाए हैं पर उनके सरगुजा आगमन पर भव्य स्वागत की तैयारी में कांग्रेसी जुट गए हैं। चार-पांच दिनों से राजधानी में डटे हजारों कार्यकर्ता शनिवार रात से ही लौटने लगे हैं। अब सभी सिंहदेव के वापस सरगुजा लौटने पर आतिशी अभिनंदन की तैयारी हैं। सरगुजा में अब तक कांग्रेस की धमाकेदार जीत के बाद भी जश्न नहीं मना है। बताया गया है कि टीएस सिंहदेव एवं अन्य विधायकों के लौटने के बाद कांग्रेस की आभार रैली निकाली जाएगी।


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