Move to Jagran APP

TS बाबा बोले, मैं खुद गाड़ी ड्राइव करता हूं तो आजादी महसूस होती है

congress leader TS singhdeo मम्मी विधायक और मंत्री रहीं। डैडी स्टेट गवर्मेंट में चीफ सेक्रेटरी थे। उन दोनों का असर मेरे व्यक्तित्व पर पड़ा है।

By Sandeep ChoureyEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 02:27 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 02:27 PM (IST)
TS बाबा बोले, मैं खुद गाड़ी ड्राइव करता हूं तो आजादी महसूस होती है
TS बाबा बोले, मैं खुद गाड़ी ड्राइव करता हूं तो आजादी महसूस होती है

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक अम्बिकापुर के विधायक व मंत्री और सरगुजा स्टेट के महाराज 66 वर्षीय टीएस सिंहदेव आम तौर पर अपनी गाड़ी खुद ही ड्राइव करते नजर आते हैं। ड्राइविंग सीट पर ड्रायवर नहीं, खुद टीएस ही बैठे दिखते हैं।

loksabha election banner

इस बारे में उनका कहना है कि मैं खुद गाड़ी ड्राइव करता हूं तो स्वतंत्रता महसूस होती है। टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि सीएम बनने की दौड़ का क्षण रोमांच से भरा था। खुश हूं, लेकिन कहीं-न-कहीं मायूसी भी है। यह बातें टीएस ने नईदुनिया के साथ एक खास इंटरव्यू के दौरान कहीं।

दिल की बात शेयर करना जरूरी है

अपने सहज और बेबाक बयानों के लिए मशहूर मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि मन की बात शेयर करना बेहद जरूरी है। इस लिए दिल की बातें कह रहा हूं। मुख्यमंत्री पद के लिए जब मेरा नाम सामने रखा गया तो यह मेरे लिए बेहद रोमांचक पल था। मैंने ये भी कभी नहीं सोचा था कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में मैं नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में भी काम करूंगा। यह सब अप्रत्याशित था। मुझसे जुड़े लोग मेरी तरफ बड़ी अपेक्षाओं के साथ देखते नजर आ रहे थे। मुझे भी यह सब बहुत ही रोमांचकारी लग रहा था। वह पल यादगार रहेगा।

दिग्विजय सिंह चाहते तो अजीत जोगी कभी नहीं बन पाते सीएम

टीएस ने आगे कहा कि, दिग्विजय सिंह अगर चाहते तो अजीत जोगी कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पाते। क्योंकि फैसला उनके हाथ में ही था। मैं अजीत जोगी का विरोधी कभी नहीं रहा, लेकिन स्थिति ऐसी पैदा हुई कि विरोधाभाष खड़े हो गए। आज मेरे व्यक्तित्व में जो भी चीजें लोगों को प्रभावित करती हैं, वह सब माता-पिता से ही मिला है। उन्हीं का डीएनए मेरे अंदर है। माता-पिता दोनों के व्यक्तित्व का मुझपर असर है। मम्मी विधायक और मंत्री रहीं। डैडी स्टेट गवर्मेंट में चीफ सेक्रेटरी थे। उन दोनों का असर मेरे व्यक्तित्व पर पड़ा है।

भरोसे के दम पर सरगुजा संभाग में जीतीं सभी सीटें

टीएस सिंहदेव के चेहरे और टीम के बूते पूरे सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। इस जीत की रणनीति को लेकर टीएस ने कहा कि सरगुजा संभाग की सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व गृहमंत्री का चुनाव हारना तय था। भाजपा प्रभावित भटगांव में सीट हासिल कर पाने को लेकर संशय था। वहां कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। वे कई जगहों पर लीड कर रहे थे। भरोसे के दम पर ही हमने आखिरकार सरगुजा संभाग की सभी सीटें जीत लीं।

सरकार ने दी है महाराजा की उपाधि

बता दें, टीएस सिंहदेव जिन्हें टीएस बाबा के नाम से भी जाना जाता है, अम्बिकापुर से विधायक हैं और सरगुजा स्टेट के महाराजा हैं। सरकार ने इन्हें सरगुजा महाराज की उपाधि दी है। वर्ष 1983 में टीएस सिंहदेव अम्बिकापुर नगर पालिका के अध्यक्ष रहे। अपने सौम्य स्वभाव और सुलझे व्यक्तित्व के चलते टीएस पूरे उत्तर छत्तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने कांग्रेस का जन घोषणा पत्र तैयार करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके लिए पूरे राज्य की यात्रा कर वे लाखों लोगों से मिले और नई सरकार से उनकी अपेक्षाएं जानीं, जिसे जन घोषणा पत्र में शामिल किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.