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CG Election 2018 : चार ने मारी हैट्रिक, पांचवीं जीत से चूके चार विधायक

congress win in chhattisgarh रामदयाल उइके (भाजपा) और अमर अग्रवाल (भाजपा) लगातार पांचवीं जीत दर्ज करन से चूक गए। दोनों 1998 से लगातार जीत रहे थे।

By Sandeep ChoureyEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 12:52 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 12:52 PM (IST)
CG Election 2018 : चार ने मारी हैट्रिक, पांचवीं जीत से चूके चार विधायक
CG Election 2018 : चार ने मारी हैट्रिक, पांचवीं जीत से चूके चार विधायक

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनावी जीत के रिकार्ड की ओर बढ़ रहे राज्य के दो दर्जन में से कई विधायक इस बार चूक गए। आठ विधायक हैट्रिक की तैयारी में थे, लेकिन चार उसमें से फेल हो गए। वहीं लगातार चौथी जीत दर्ज करने के लिए मैदान में उतरे चारों विधायक हार गए। इन सब के बीच बृजमोहन अग्रवाल अपनी सीट बचाने और लगातार सातवीं जीत दर्ज करने में सफल हो गए हैं। अग्रवाल ऐसा करने वाले राज्य के इकलौते विधायक हैं।

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पहली विधानसभा से अब तक

-बृजमोहन अग्रवाल (भाजपा)

छत्तीसगढ़ के विधायकों में बृजमोहन सबसे वरिष्ठ हैं। वे 1990 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। बृजमोहन ने 90, 93 और 2003 का चुनाव रायपुर शहर सीट से जीता था। 2008 में परिसीमन के बाद बने रायपुर दक्षिण सीट से वे 08, 13 और अब 18 का चुनाव जीत गए हैं।

कवासी पांचवीं बार सदन में

कवासी लखमा (कांग्रेस)

बस्तर संभाग की धुर नक्सल प्रभावित सीट कोंटा से चुने गए कांग्रेस के कवासी लखमा की यह लगातार पांचवीं जीत है। कवासी कांग्रेस के एक मात्र विधायक हैं जो लगातार चुनाव जीत रहे हैं। लखमा 1998 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीते थे।

पांचवीं जीत से चूके नेता

रामदयाल उइके (भाजपा) और अमर अग्रवाल (भाजपा) लगातार पांचवीं जीत दर्ज करन से चूक गए। दोनों 1998 से लगातार जीत रहे थे।

तीसरी बार के सभी विधायक हार गए

भाजपा के देवजी पटेल, राजेश मूणत, दयाल दास और विक्रम उसेंडी लगातार चौथी जीत दर्ज करने से चूक गए। पटेल, मूणत और दयाल तो विधान सभा में थे, लेकिन उसेंडी ने 2013 का चुनाव जीतने के बाद 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतने के बाद विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

उपचुनाव वाले दो डॉक्टरों की शुरू हुई चौथी पारी

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और जकांछ की डॉ. रेणु जोगी भी इस बार चौथी जीत दर्ज कराई हैं। दोनों की सदन में इंट्री उपचुनाव के जरिये हुए है। डॉ. सिंह 2003 में भाजपा के मुख्यमंत्री बनने के बाद डोंगरगांव उपचुनाव के जरिए 2004 में सदन में पहुंचे थे। वहीं राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल के निधन की वजह से खाली हुई कोटा सीट से 2006 में उपचुनाव लड़कर डॉ. जोगी सदन में पहुंचीं थीं।

सात में से चार नहीं बना पाए हैट्रिक

भाजपा के भैयालाल राजवाड़े, पुन्नूलाल, महेश गागड़ा, विद्यारतन भसीन और कांग्रेस के टीएस सिंहदेव, जय सिंह व गुरुमुख सिंह होरा इस बार लगातार तीसरी जीत दर्ज करने के लिए मैदान में उतरे थे। इनमें से राजवाड़े, महेश और गुरुमुख सिंह हार गए हैं।


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