भिलाई : अपने बूते लड़ रहे प्रत्याशी, संगठन बागियों को मनाने में जुटा
अहिवारा, दुर्ग ग्रामीण और पाटन में विरोध के बाद अब वैशाली नगर में विरोध का स्तर चरम पर है।
भिलाई। भाजपा और कांग्रेस के भीतर घमासान के चलते इस बार का चुनाव बहुत ज्यादा संवेदनशील हो गया है। पार्टी टिकट पर जो प्रत्याशी मैदान में हैं, उनके सामने विकट स्थिति है। संगठन खेमे ने या तो खुद को किनारे कर लिया या बागियों से निपटने में व्यस्त हैं। लिहाजा प्रत्याशी चुनाव संचालन के लिए अपनी नई टीम तैयार कर रहे हैं। इसमें कुछ पुराने कार्यकर्ता हैं। वहीं अधिकांश सामान्य लोग भी हैं।
भाजपा में भिलाई नगर विधानसभा सीट को छोड़ सभी सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर काफी असंतोष है। अहिवारा, दुर्ग ग्रामीण और पाटन में विरोध के बाद अब वैशाली नगर में विरोध का स्तर चरम पर है।
वैशाली नगर से प्रत्याशी घोषित होने के बाद तो समूचे संगठन खेमे ने ही बगावती रुख अख्तियार कर लिया। ज्यादातर पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद से पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के साथ चुनाव प्रचार करने के लिए संगठन का कोई कार्यकर्ता सामने नहीं आ रहा है।
इन्हें हो रही चुनाव प्रचार में दिक्कत
भाजपा के अहिवारा प्रत्याशी को बहुत विरोध झेलना पड़ा। संगठन के कुछ पदाधिकारियों ने ही प्रत्याशी के खिलाफ शुरू से मोर्चा खोल रखा है। हालांकि पार्टी के दबाव के चलते विरोध कम होता जा रहा है। दुर्ग ग्रामीण में भी लगभग असंतोष की स्थिति है। हालांकि यहां खुलकर ज्यादा विरोध नहीं है, लेकिन समर्थन के लिए भी अधिक लोग सामने नहीं जा रहे हैं।
पाटन विधानसभा में तो प्रत्याशी घोषित होने के बाद सिर-फुटौव्वल जैसी स्थिति निर्मित हुई है। हालांकि पार्टी के दखल के बाद यहां अभी स्थिति सामान्य है। वैशाली नगर की सीट भाजपा के लिए सबसे बड़ा सिर दर्द बन चुका है। प्रत्याशी घोषित होने के बाद यहां जो बगावत शुरू हुआ, उसने प्रदेश स्तर की राजनीति को गर्म कर दिया।