चुनावी वादे तक सिमटा सोसा धार पर पुल निर्माण का मुद्दा
कटिहार । प्राणपुर के सोसा धार घाट पर ध्वस्त पुल के नव निर्माण का मुद्दा बस चुनावी वादे तक सिम
कटिहार । प्राणपुर के सोसा धार घाट पर ध्वस्त पुल के नव निर्माण का मुद्दा बस चुनावी वादे तक सिमटा हुआ है। तीन प्रखंड की आबादी की प्रमुख समस्या के समाधान को लेकर यूं तो हर चुनाव में आश्वासन मिलता है, लेकिन इस दिशा में पहल नहीं हो पाई है। इसके कारण बरसात के मौसम में बड़ी आबादी आगमन की गंभीर समस्या से जूझती है। हर चुनाव में पुल निर्माण की घोषणा के सहारे मतदाताओं को रिझाने की कोशिश तो की जाती है, लेकिन चुनाव के बाद सब कुछ भूला दिया जाता है। इसके कारण बड़ी आबादी चचरी पुल के सहारे आगमन करने को विवश है।
सन 1987 के बाढ़ में ध्वस्त हुआ था पुल बता दे की 1987 की प्रलयकारी बाढ़ के दौरान सोसा धार पर मौजूद काठ पुल ध्वस्त हो गया था। उक्त समय से ही अमदाबाद, मनिहारी व प्राणपुर प्रखंड के लोग सोसाधार पर चचरी पुल के सहारे आवागमन कर रहे हैं। प्रखंड मुख्यालय रेलवे स्टेशन थाना बैंक इत्यादि मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए चचरी पुल ही लोगों के लिए एक मात्र सहारा है। बरसात के मौसम में समस्या काफी गंभीर हो जाती है। पुल के अभाव में रोशना बाजार तक इससे प्रभावित रहता है।
क्या कहते हैं क्षेत्र के ग्रामीण
निपम उपाध्याय, फंटूश साह, सुमन कुमार, अभिषेक कुमार, अनुज साह, सजल मिश्रा, अनिल गुप्ता, आदित्य कुमार यादव, अक्षय वर साह व प्रताप सिंह ने कहा कि कई बार यहां पर पुल निर्माण को लेकर विधायक, सांसद व जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया जा चुका है। इसके बावजूद आज तक इस दिशा में पहल नहीं हो पाई है। इस कारण आज भी चचरी पुल के सारे आगमन करने को मजबूर हैं। इसी सड़क होकर श्रद्धालुओं द्वारा भी गोरखपुर मंदिर जल चढ़ाने के लिए जाते हैं। लोगों का मानना है कि चुनाव के दौरान सोसाधार में पुल निर्माण का वादा तो किया जाता है, लेकिन चुनाव बाद कुछ नहीं हो पाता है। लोगों का कहना है कि इस वर्ष प्रत्याशियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। निपम उपाध्याय ने बताया कि चचरी पुल के आगमन के कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।