15 दिन से पलटी पड़ी दीवार, कर्मी नाराज
का कहना है कि सर्दी का मौसम आ गया है। रात के अंधेरे में कोई भी हादसा हो सकता है। इसके अलावा बेसहारा व जंगली जानवरों के हमलों का भी खतरा रहता है। कई बार परिसर में चोरियां भी हो चुकी हैं। रात के अंधेरे में अक्सर अराजकतत्वों को परिसर में आते हुए देखा जाता है। कर्मियों ने शीघ्र चहारदीवारी का निर्माण करा
संवाद सूत्र, तालग्राम: स्वास्थ्य कर्मियों के आवासों की ओर बनी चहारदीवारी को गिरे 15 दिन बीत गए लेकिन अब तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई। वारदातों की आशंका से कर्मियों के स्वजन भयभीत हैं। वहीं इसको लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में भी नाराजगी है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तालग्राम के पीछे रामलीला मैदान है। इस ओर चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के आवास बने हुए हैं। इन आवासों के पीछे बनी चहारदीवारी का करीब 100 मीटर हिस्सा तेज हवा से पलट गया था। इसको गिरे हुए 15 दिन बीत गए लेकिन अब तक विभाग ने इसकी मरम्मत कराने की जहमत नहीं उठाई। वही चारदीवारी गिरने से अस्पताल परिसर के अंदर रहने वाले चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के स्वजन भयभीत हैं। रात के अंधेरे में अराजकतत्वों की ओर से वारदातों के किए जाने का डर सताता रहता है। कर्मियों का कहना है कि सर्दी का मौसम आ गया है। रात के अंधेरे में कोई भी हादसा हो सकता है। इसके अलावा बेसहारा व जंगली जानवरों के हमलों का भी खतरा रहता है। कई बार परिसर में चोरियां भी हो चुकी हैं। रात के अंधेरे में अक्सर अराजकतत्वों को परिसर में आते हुए देखा जाता है। कर्मियों ने शीघ्र चहारदीवारी का निर्माण कराए जाने की मांग की। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. उमेश चंद्र वर्मा ने बताया कि चहारदीवारी पलटने की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। बजट आते ही निर्माण कराया जाएगा। 15 दिन से पलटी पड़ी दीवार, कर्मी नाराज
संवाद सूत्र, तालग्राम: स्वास्थ्य कर्मियों के आवासों की ओर बनी चहारदीवारी को गिरे 15 दिन बीत गए लेकिन अब तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई। वारदातों की आशंका से कर्मियों के स्वजन भयभीत हैं। वहीं इसको लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में भी नाराजगी है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तालग्राम के पीछे रामलीला मैदान है। इस ओर चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के आवास बने हुए हैं। इन आवासों के पीछे बनी चहारदीवारी का करीब 100 मीटर हिस्सा तेज हवा से पलट गया था। इसको गिरे हुए 15 दिन बीत गए लेकिन अब तक विभाग ने इसकी मरम्मत कराने की जहमत नहीं उठाई। वही चारदीवारी गिरने से अस्पताल परिसर के अंदर रहने वाले चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के स्वजन भयभीत हैं। रात के अंधेरे में अराजकतत्वों की ओर से वारदातों के किए जाने का डर सताता रहता है। कर्मियों का कहना है कि सर्दी का मौसम आ गया है। रात के अंधेरे में कोई भी हादसा हो सकता है। इसके अलावा बेसहारा व जंगली जानवरों के हमलों का भी खतरा रहता है। कई बार परिसर में चोरियां भी हो चुकी हैं। रात के अंधेरे में अक्सर अराजकतत्वों को परिसर में आते हुए देखा जाता है। कर्मियों ने शीघ्र चहारदीवारी का निर्माण कराए जाने की मांग की। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. उमेश चंद्र वर्मा ने बताया कि चहारदीवारी पलटने की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। बजट आते ही निर्माण कराया जाएगा।