गठबंधन धर्म में हो रहा भीतरघात, काका रहने लगे उदास
पूर्णिया। विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है। वैसे सियासी मैदान के राजनीतिबाजों में
पूर्णिया। विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है। वैसे सियासी मैदान के राजनीतिबाजों में वह और मात का खेल शुरू हो गया है। कोई पार्टी के संगठन को मजबूत करने की मुहिम चला रहा है तो कोई बिखरे और बिफरे पुराने कार्यकर्ताओं को समेटने का प्रयास शुरू कर दिया है। एक ओर पार्टी में व्याप्त गुटबाजी एवं अंतर्कलह ने नेताजी को खासा परेशानी में डाल रखा है। बनमनखी विधानसभा क्षेत्र से दलीय एवं निर्दलीय दर्जनों नेताजी विधानसभा पहुंचने के सपने संजोने लगे हैं। मतदाताओं के बीच जाकर उनके नब्ज टटोल रहे हैं। सभी प्रत्याशी जनता के बीच जाकर विकास की किरण लाने का वादा दर वादा कर रहे हैं। कोई सरकार की नाकामियों की गड़बड़ी का पोल खोल रहे हैं एतो कोई ग्रामीण विकास में पिछड़ेपन की। कोई राज्य व देश हित में विकास अथवा विनाश दोनों में से किसी एक को चुनने की बात कर रहा है। कोई भी प्रत्याशी अपने को कमजोर नहीं समझ रहे हैं। सरकारी योजनाओं का हवाला देकर प्रत्याशी के समर्थक अपने अपने नेताओं को किसानों का बेहतर हितैषी बताकर वोट करने की अपील कर रहे हैं। दल से टिकट नहीं मिलने से विक्षुब्ध उम्मीदवार इस बार बाजी पलटने को तैयार दिख रहे हैं ।सभी प्रत्याशी अपने अपने समर्थकों के साथ लगातार क्षेत्र दौरा कर रहे हैं।