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मृत्यु प्रमाण पत्र पाने को भटक रहे जिदा जले लोगों के स्वजन

बस हादसे में लोगों की जलकर मौत हो गई थी। डीएनए से इनकी जांच हुई। नवंबर 2020 में रिपोर्ट प्राप्त हो गई। 30 नवंबर 2020 को पुलिस ने स्वजनों के अवशेष भी दे दिए। इनका विधि अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके बाद से वह भाई सहित परिवार के सदस्यों के मृत्यु प्रमाण पत्र पाने के लिए भटक रहे हैं। इसी प्रकार जिला कासगंज थाना गंजडुंडवारा के पूररब थोक निवासी नाजिम ने बताया कि उनकी पत्नी नूरी व पुत्री सामिया की घिलोई में बस हादसे में जलकर मृत्यु हो गई थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 11:53 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 11:53 PM (IST)
मृत्यु प्रमाण पत्र पाने को भटक रहे जिदा जले लोगों के स्वजन

संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: असमय बस हादसे में खो चुके स्वजन के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवाने को लोग अधिकारियों के चक्कर लगाने हैं। मामला जिला उद्यान अधिकारी व प्रभारी बीडीओ के सामने पहुंचा। उन्होंने गंभीरता दिखाई। सचिव को प्रपत्रों की पुष्टि कर अविलंब प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए।

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सोमवार को जिला फर्रुखाबाद पोस्ट कंधरापुर के गांव उगरापुर निवासी रईस अहमद विकास खंड कार्यालय पहुंचे। उन्होंने बताया कि छोटे भाई लईक अहमद, भाई की पत्नी शायदा बेगम, पुत्री सादिया परवीन एवं पुत्र शान अहमद व मुहम्मद सैफ बस से जयपुर जा रहे थे। 10 जनवरी 2020 को गांव घिलोई के सामने बस व ट्रक में टक्कर हो गई थी। बस हादसे में परिवार के लोगों की जलकर मौत हो गई थी। डीएनए से इनकी जांच हुई। नवंबर 2020 में रिपोर्ट प्राप्त हो गई। 30 नवंबर 2020 को पुलिस ने स्वजनों के अवशेष भी दे दिए। इनका विधि अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके बाद से वह भाई सहित परिवार के सदस्यों के मृत्यु प्रमाण पत्र पाने के लिए भटक रहे हैं। इसी प्रकार जिला कासगंज थाना गंजडुंडवारा के पूररब थोक निवासी नाजिम ने बताया कि उनकी पत्नी नूरी व पुत्री सामिया की घिलोई में बस हादसे में जलकर मृत्यु हो गई थी। मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सभी प्रपत्र ग्राम पंचायत अधिकारी घिलोई के पास जमा कर दिए। अब तक प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है। पीड़ित इस मामले को लेकर एसडीएम छिबरामऊ के पास पहुंचे। उन्होंने बीडीओ छिबरामऊ को प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए निर्देशित किया। मामला जिला उद्यान अधिकारी व प्रभारी बीडीओ मनोज कुमार चतुर्वेदी के सामने पहुंचा। उन्होंने डीएनए रिपोर्ट होने के बाद भी प्रमाण पत्र जारी होने में देरी पर आश्चर्य जताया। सचिव को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए निर्देशित किया। प्रभारी बीडीओ मनोज कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सचिव को प्रपत्रों का मिलान कर प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। पीड़ित परिवारों को अब प्रमाण पत्र के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।


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