पीसीएफ पर 87 लाख से अधिक बकाया
जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।जबकि फंड न होने के कारण यूपीएसएस के तीन केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, कन्नौज: सरकारी धान खरीद राहत की बजाय किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। धान खरीदने के लिए संस्थाओं के पास रकम नहीं है। खरीद संस्थाएं लक्ष्य पूरा करने के लिए किसानों से उधार खरीद कर रही हैं। इस कारण करोड़ों रुपये फंस हुए हैं।
जिले में सरकारी धान खरीद की स्थिति बेहद खराब है। कुल 33 केंद्र खोले गए थे। 3.50 लाख क्विटल लक्ष्य मिला है। शाखा विपणन को छोड़कर बाकी संस्थाओं के पास फंड नहीं है। इसके बाद भी लक्ष्य पूरा करने के लिए किसानों से उधार धान खरीद की जा रही हैं, जबकि भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है। इससे किसानों की रकम फंसती जा रही है। करोड़ों रुपये किसानों का बकाया हो चुका है। अब पीसीएफ के सभी नौ केंद्रों पर करीब 87 लाख रुपये बकाया होना सामने आया है। ऐसी स्थिति में ऊपर से खरीद करने पर जोर है। इस कारण जिले के अधिकारी भी अपने स्तर से कोई कदम नहीं उठा पा रहे हैं। पिछले सप्ताह नैफेड व एनसीसीएफ पर करीब 1.70 करोड़ रुपये बकाया था। अब पोल न खुले इसलिए सही जानकारी देने से संबंधित कतरा रहे हैं। जिले में करीब 55 फीसद तक खरीद हो चुकी है। एआर कोआपरेटिव रामसजीवन ने बताया कि भुगतान किया जा रहा है। वहीं, डिप्टी आरएमओ समरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि संस्थाओं को पत्र लिखा है, जल्द भुगतान किया जाएगा।
फरवरी से पहले बंद हो सकते केंद्र:
इस बार धान खरीद की स्थिति बेहद खराब है। संस्थाओं के पास फंड का अभाव है। जिले में करोड़ों रुपये की बकायेदारी हो चुकी है। यूपीएसएस के तीन केंद्र बंद हो चुके हैं। यहां किसानों के लाखों रुपये फंसे हैं। फरवरी अंत तक खरीद होनी है, लेकिन हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। चर्चा है कि समय से पहले शाखा विपणन को छोड़ अन्य केंद्र बंद हो सकते हैं।