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Bihar Election 2020: जानिए, मिथिलांचल के कौन-कौन राजनीतिक सूरमा अपनी पुरानी पहचान के दम पर इस चुनाव में नई पिच पर मैदान मारने की कोशिश कर रहे

Bihar Election 2020 हायाघाट में भोला यादव व केवटी में पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी की साख दांव पर। वर्तमान सरकार में मंत्री मदन सहनी तक की बदल गई सीट। जदयू से बगावत कर चुके हायाघाट के विधायक अमरनाथ गामी दरभंगा शहर से पहली बार किस्मत आजमा रहे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 03:07 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 03:24 PM (IST)
Bihar Election 2020: जानिए, मिथिलांचल के कौन-कौन राजनीतिक सूरमा अपनी पुरानी पहचान के दम पर इस चुनाव में नई पिच पर मैदान मारने की कोशिश कर रहे
अब्दुल बारी सिद्दीकी वर्तमान में अलीनगर के विधायक हैं।

दरभंगा, [ संजय कुमार उपाध्याय]। अपनी राजनीतिक कद-काठी और सामाजिक पहचान की बदौलत चुनाव जीतनेवाले नेता नई पिच पर किस्मत आजमाएंगे। इनमें महागठबंधन के दो दिग्गज राजद के राष्ट्रीय महासचिव व अलीनगर के विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और बहादुरपुर के विधायक भोला यादव हैं। नए विधानसभा क्षेत्रों की जनता इनकी किस्मत लिखेगी। जदयू से बगावत कर चुके हायाघाट के विधायक अमरनाथ गामी दरभंगा शहर से पहली बार किस्मत आजमा रहे। हालांकि, इससे पहले इनके बड़े भाई चुनाव लड़ चुके हैं। राजद ने इन तीनों पुराने नेताओं को नए क्षेत्र से चुनावी रणभूमि में उतारकर मिथिला को नया संदेश देने की कोशिश की है।

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डॉ. फराज फातमी की भरपाई की जा सके

अब्दुल बारी सिद्दीकी वर्तमान में अलीनगर के विधायक हैं। इससे पहले इन्होंने बहेड़ा से लगातार चार बार जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में उस इलाके से अलग केवटी में नई जमीन तैयार कर रहे हैं। स्थानीय राजनीति के जानकार बताते हैं कि दल ने बदलते समीकरणों को ध्यान में रखकर इन्हेंं नई जमीन दी है। ताकि, इस सीट को छोड़कर जदयू में चले गए विधायक डॉ. फराज फातमी की भरपाई की जा सके।

अनुभव के आधार पर दी गई नई जमीन

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेहद करीबी बहादुरपुर के विधायक भोला यादव को भी उनके राजनीतिक अनुभव के आधार पर नई भूमि मिली है। हायाघाट से अब ये चुनाव लड़ेंगे। यहां के जदयू विधायक को राजद ने अपने साथ मिलाकर दरभंगा शहर से टिकट दे दिया है। ऊपर से इसी सीट पर दूसरे स्थान पर रहे लोजपा के आरके चौधरी को भी अपने साथ लेकर बहादुरपुर से टिकट दे दिया है। माना जा रहा है कि पहले हायाघाट में प्रतिद्वंद्वियों को अपने साथ लेकर राजद ने अपनी जमीन तैयार की और फिर वहां से भोला यादव को उतार दिया।वहीं, हायाघाट सीट छोड़कर राजद के टिकट पर चुनाव लडऩे आए अमरनाथ गामी के लिए दरभंगा शहर घर है। लेकिन, ये यहां से पहली बार चुनाव लड़ेंगे।

एनडीए ने की है क्षेत्र रक्षा की पूरी तैयारी

एनडीए की ओर से इन पुराने नेताओं के क्षेत्र बदलने के असर का आकलन किया गया है। इनके मुकाबले में सूझबूझ के साथ प्रत्याशी उतारे गए हैं। केवटी में भाजपा ने डॉ. मुरारी मोहन झा व हायाघाट से रामचंद्र साह को उम्मीदवार बनाया है। बहादुरपुर में गौड़ाबौराम से जदयू के विधायक मदन सहनी और दरभंगा शहर में चार बार से लगातार जीत रहे संजय सरावगी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। कोशिश यह की गई है कि महागठबंधन से राजद ने जिस तरह का कार्ड खेला है और पुराने नेताओं तक का क्षेत्र बदला है, उस तरह के समीकरण से उसकी तैयारी ध्वस्त की जा सके।


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