Move to Jagran APP

Bihar Election Result 2020: संजीदा रहे शहर के लोग, ग्रामीण इलाकों में ज्यादा दबा नोटा का बटन

लोकतंत्र में जनता का मन और मिजाज बहुत जल्दबाजी में ना किसी के साथ होता है न ही किसी से किनारे लगता है। कुछ ऐसा ही इशारा है समस्तीपुर जिले की आवाम का। जिले की दस में से पांच सीट पर एनडीए और पांच पर महागठबंधन की जीत हुई।

By Edited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 12:12 AM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 02:23 PM (IST)
Bihar Election Result 2020: संजीदा रहे शहर के लोग, ग्रामीण इलाकों में ज्यादा दबा नोटा का बटन
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की मतगणना के बाद पांच सीट आए एनडीए के खाते में। जागरण आर्काइव।

समस्तीपुर । लोकतंत्र में जनता का मन और मिजाज बहुत जल्दबाजी में ना किसी के साथ होता है, न ही किसी से किनारे लगता है। कुछ ऐसा ही इशारा है समस्तीपुर जिले की आवाम का। जिले की दस में से पांच सीट पर एनडीए और पांच पर महागठबंधन की जीत हुई। राजद ने चार, जदयू ने तीन, भाजपा ने दो और माकपा ने एक सीट पर कब्जा जमाया। लोगों के बीच विकास की बाते हैं। और विकास की सड़क पर दौड़ने के सुनहरे सपने भी। इन सबके बीच जिले की एक आबादी ऐसी भी है, जिसने करीब-करीब सभी विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को नापसंद किया है। पसंद और ना पसंद के आंकड़ों की बात करें तो सबसे कम नोटा का बटन कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र में दबा है। जबकि समस्तीपुर शहरी इलाकों में इसकी संख्या कम है। इसकी वजह जनता की जुबान पर है। 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने आम जनता को नोटा का विकल्प दिया था। इसका मतलब यह था कि अगर आपको कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है तो आप नोटा का बटन दबा सकते हैं। इसका अर्थ है कि इनमें से कोई नहीं। बीते चुनाव में भी लोगों ने जमकर नोटा का बटन दबाया था। उपेक्षा का दर्द लिए दबाया नोटा सरायरंजन विधानसभा में सबसे अधिक विकास का काम हुआ। यहां के विधायक सह विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने अपने क्षेत्र अंतर्गत मेडिकल कॉलेज, इंजीनिय¨रग कॉलेज सहित विकास के कई काम किए। बावजूद इसके यहां पर 4199 लोगों ने नोटा का बटन जताया। लोगों में अब भी विकास की भूख कायम है। उपेक्षा का दर्द भी दिलों में गहरे दफन है। उपेक्षा की कोख से उपजी नाराजगी ने लोगों को नोटा का बटन दबाने पर मजबूर किया। इस बार चुनाव में सबसे खास बात यह रही कि आधी आबादी ने अपने अधिकारों का उपयोग बहुत बेहतर तरीके से चुपचाप किया। और अपना वोट विकास के नाम किया। राजनीति के जानकार बताते हैं, नोटा का बटन यूं ही नहीं दबता। इसके पीछे गंभीर वजह होती है। आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं। इस बार के चुनाव में मोहिउद्दीनगर विधानसभा में सबसे कम 546 वोटरों ने नोटा पर बटन दबाया। समस्तीपुर शहर में सबसे कम 1835 वोटरों ने नोटा पर बटन दबाया। वहीं सबसे अधिक कल्याणपुर विधानसभा में 4620 वोटरों ने बटन दबाया। दस विधानसभा क्षेत्रों में नोटा के आंकड़े कल्याणपुर - 6899 विभूतिपुर - 5332 रोसड़ा - 5282 हसनपुर - 4425 सरायरंजन - 4199 वारिसनगर - 2628 समस्तीपुर - 1835 उजियारपुर - 954 मोरवा - 1747 मोहिउद्दीननगर - 546

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.