Bihar Chunav 2020: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोले- मातृभूमि की रक्षा में बिहार के जवानों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं होगी
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब-जब जरूरत पड़ी है बिहार के जवानों ने अपना बलिदान देकर मातृभूमि की रक्षा की है। इंडो-चाइना बॉर्डर पर इसी बिहार के 20 जाबांज जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि की रक्षा की। हमें बिहार के लोगों खासकर युवाओं पर गर्व है।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब-जब जरूरत पड़ी है बिहार के जवानों ने अपना बलिदान देकर मातृभूमि की रक्षा की है। जब गलवन घाटी में चीन ने घुसपैठ की कोशिश की तो भारत के वीर जवानों ने अपनी शहादत देकर सीमा की रक्षा की। हम इसे कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि हम एक इंच जमीन ने किसी दूसरे को देंगे नहीं दूसरे की एक इंच जमीन को हड़पने का काम करेंगे। वे शुक्रवार को केसरिया विधानसभा क्षेत्र के हुसैनी में जदयू प्रत्याशी शालिनी मिश्रा के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश को जब भी जरूरत पड़ी है बिहारियों ने आगे बढ़कर देश की रक्षा की है। 1857 में वीर कुंवर सिंह और मंगल पांडेय ने बलिदान दिया था।
वहीं हाल में ही इंडो-चाइना बॉर्डर पर इसी बिहार के 20 जाबांज जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि की रक्षा की। हमें बिहार के लोगों खासकर युवाओं पर गर्व है। बिहार के जवानों ने अपना बलिदान देकर देश की लाज रखी है। कांग्रेस के राहुल गांधी कहते हैं कि चाइना ने भारत के जमीन पर कब्जा कर लिया है। उन्हें बताना चाहिए कि लंबे समय तक जब उनकी पार्टी सत्ता में थी तो यह जमीन क्यों चली गई। हम लोगों को घुटने टेकने का कोई चरित्र नहीं है। कहा-अटल जी ने कहा था-दोस्त बदल जाते हैं पड़ोसी नहीं। यह मर्यादाओं का देश है। लंका पर विजय पाने के बाद श्रीराम ने लंका के ही विभीषण को राज्य सौंप दिया था।
उन्होंने कहा कि जब पुलवामा में हमारे सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे तो इन लोगों ने सवाल किया था कि चुनाव के कारण इन लोगों ने खुद यह कार्य किया है। ऐसा हम लोग सोच भी नहीं सकते। पूरा विश्व जानता है कि पुलवामा में पाकिस्तान ने हमारे जवानों पर हमला किया था। राज्य की राजनीतिक स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा और जदयू की जोड़ी क्रिकेट मैच के सचिन और सहवाग के ओपनिंग जोड़ी की तरह है। नीतीश जी के दामन पर आज तक भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं है। नीतीश ने बिहार में औरों की तरह चारा खाने का काम नहीं किया है। नीतीश जी ने गरीबों के घर-घर राशन भेजने का काम किया है। उन्होंने भोजपुरी भाषा में हंसते हुए कहा कि भैया लालटेन फूट गईल, तेल बह गईल, ना पंजा चली ना होकर खेल चली। चलाइए तीर, छोड़िए लालटेन।