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Bachhawara Election 2020: बछवाड़ा में भाजपा के सामने सीपीआइ, 60 फीसद मतदाता पहुंचे बूथ तक

बछवाड़ा विधानसभा सीट को कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। लेकिन इस बार महागठबंधन से यह सीट सीपीआइ के खाते में चली गई है। वहीं एनडीए की ओर से भाजपा प्रत्‍याशी यहां मुकाबले में खड़े हैं।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 05:41 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 09:20 PM (IST)
बिहार चुनाव: बेगूसराय की बछवाड़ा सीट के प्रमुख प्रत्‍याशी।

जेएनएन, बेगूसराय। बछवाड़ा सीट बेगूसराय लोकसभा के अंतर्गत आती है। यहां के पहले विधायक 1951 में कांग्रेस के मिठन चौधरी चुने गए थे।  2015 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के रामदेव राय चुनाव जीते थे। उनकी इसी वर्ष 29 अगस्त को मृत्यु हो गई। इस बार महागठबंधन ने कांग्रेस की जगह यह सीट सीपीआइ को दे दी। यहां से पूर्व विधायक अवधेश कुमार राय सीपीआइ उम्‍मीदवार हैं। एनडीए से भाजपा के सुरेंद्र मेहता मैदान में हैं। उधर दिवंगत विधायक के पुत्र शिवप्रकाश गरीब दास निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैैं।  वैसे कुल 19 प्रत्‍याशी यहां मैदान में हैं। बछवाड़ा सीट पर आगामी तीन नवंबर को मतदान होगा। यहां इस बार 59.82 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया  

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प्रमुख प्र‍त्‍याशी

1. सुरेंद्र मेहता, भाजपा

2. अवधेश कुमार राय, सीपीआइ

3. शिव प्रकाश गरीबदास, निर्दलीय

4. इंदिरा कुमारी, निर्दलीय

 प्रमुख मुद्दे

1. डिग्री कॉलेज :डिग्री कॉलेज नहीं रहने से बछवाड़ा विधानसभा के सभी तीन प्रखंडों के छात्र उच्च शिक्षा के लिए जिला मुख्यालय बेगूसराय अथवा पड़ोसी जिले समस्तीपुर की ओर रुख करते हैं। जबकि अधिकांश छात्राएं इंटर पास करने के बाद आगे की शिक्ष्‍ाा से वंचित रह जाती हैं। प्रत्येक चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दल के प्रत्याशी इस मुद्दे को भुनाते हैं। 

2.रोजगार : बछवाड़ा में रेलवे की करीब तीन सौ एकड़ से अधिक पड़ती जमीन है। चुनाव आते ही विभिन्न दलों के प्रत्याशी पलायन की रोकथाम के लिए इस जमीन पर कल-कारखाने खोले जाने को मुद्दा बना लेते हैं। लेकिन आज तक हुआ कुछ नहीं। हर बार की तरह इस बार भी वादे किए जा रहे हैं। 

3. बाढ़  : बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की दक्षिणी सीमा पर गंगा एवं उत्तरी सीमा पर बलान नदी के तटीय इलाके में प्रतिवर्ष बाढ़ की समस्या लोगों को झेलनी पड़ती है। हजारों लोग बेघर हो जाते हैं। उनकी फसल बाढ़ की भेंट चढ़ जा रही है । चमथा दियारा की पांच पंचायतों के करीब 60 हजार लोग प्रतिवर्ष तबाही का सामना करते हैं।

4. चमथा को नहीं मिला प्रखंड का दर्जा : गंगा की गोद में बसे बछवाड़ा प्रखंड की दियारा क्षेत्र की पांच पंचायतें चमथा एक, दो व तीन, बिशनपुर और दादुपुर को मिलाकर प्रखंड बनाए जाने का मुद्दा लंबे समय से उठ रहा है। यहां से प्रखंड मुख्‍यालय की दूरी करीब 18 किलोमीटर है। लगभग 60 हजार की आबादी वाली पांच पंचायत को मिलाकर चमथा को प्रखंड बनाए जाने की मांग लोग कर रहे हैं।

5. स्वास्थ्य : चमथा दियारा के लोगों के लिए चमथा- दो पंचायत में एपीएचसी है। लेकिन यह सुबह आठ बजे से शाम के चार बजे तक ही संचालित होती है। 60 हजार की आबादी महज एक आयुष चिकित्सक के भरोसे है। वैसे संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों की यही दुर्दशा है।

वर्ष - कौन जीता - कौन हारा

2015 - रामदेव राय - कांग्रेस, अवधेश कुमार राय - सीपीआइ

2010 - अवधेश कुमार राय सीपीआइ, रामदेव राय - कांग्रेस,


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