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Sheohar Election 2020: क्या शर्फुद्दीन शिवहर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में बना पाएंगे जीत की हैट्रिक

Sheohar Election News 2020 शिवहर में क्या इसबार निवर्तमान विधायक सह जदयू प्रत्याशी मो. शर्फुद्दीन जीत की हैट्रिक बना पाएंगे? या फिर उनकी जीत का क्रम टूटेगा। शुरुआती दौर में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। इसके बाद से इस सीट पर समाजवादियों का कब्जा बरकरार है।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 05:38 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:12 PM (IST)
Sheohar Election 2020: क्या शर्फुद्दीन शिवहर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में बना पाएंगे जीत की हैट्रिक
शिवहर विधानसभा सीट से खड़े प्रमुख उम्मीदवार

शिवहर, जेएनएन। चित्तौड़गढ़ के नाम से चर्चित सूबे के सबसे छोटे जिले शिवहर की एकमात्र विधानसभा सीट शिवहर में क्या इसबार निवर्तमान विधायक सह जदयू प्रत्याशी मो. शर्फुद्दीन जीत की हैट्रिक बना पाएंगे? या फिर उनकी जीत का क्रम टूटेगा। यह सीट पंडित रघुनाथ झा को लेकर चर्चित रही। पार्टी और झंडा कोई भी हो, इस सीट से वह लगातार 27 साल विधायक रहे। इस सीट से बाहुबली आनंद मोहन भी मैदान में उतरे, लेकिन रघुनाथ झा के आगे नहीं  टिक  सके। इसबार का चुनाव रघुनाथ झा और बाहुबली आनंद मोहन को लेकर फिर चर्चा में है। वजह, इसबार राजद ने पंडित जी के पुत्र और पौत्र को दरकिनार कर जेल में बंद बाहुबली आनंदमोहन  के पुत्र को प्रत्याशी बनाया। यहां मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वोटिंग का प्रतिशत 57.64 रहा।

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शुरुआती दौर में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। इसके बाद से इस सीट पर समाजवादियों का कब्जा बरकरार है। जनता पार्टी, जनता दल, राजद और अब यहां जदयू का कब्जा है। भाजपा को अबतक इस सीट से जीत नसीब नहीं हो सकी है। जबकि, दो दशक से कांग्रेस इस सीट से दावेदारी भी नहीं कर रही थी । वर्ष 2000 के चुनाव से पिछले चुनाव तक जहां कांटे की टक्कर रही है। जीत का अंतर काफी कम रहा है।  पिछले विधानसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस एवं जदयू के गठबंधन से जदयू के मो. शर्फुद्दीन ने एनडीए समर्थित हम प्रत्याशी लवली आनंद को महज 461 मतों के अंतर से हराया था।

इसबार शर्फुद्दीन एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी के रूप में जीत की हैट्रिक बनाने के लिए मैदान में हैं। पिछली बार निकटतम प्रतिद्वंदी रही लवली आनंद इसबार मैदान में नहीं हैं। इसबार उनके पुत्र चेतन आनंद राजद के  टिकट पर मैदान में हैं।  इस बार यहां एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशी को लोजपा के विजय कुमार पांडेय न केवल कड़ी टक्कर दी है  बल्कि लड़ाई को त्रिकोणात्मक भी बना रहे। इन सबके बीच वैश्य समुदाय से निर्दलीय राधाकांत गुप्ता, अंगेश कुमार सिंह और जन अधिकार पार्टी के मो. वामिक जफीर की मौजूदगी शिवहर में सत्ता के संघर्ष को रोमांचक बना दिया था । ऐसे में अब बड़ा सवाल यही है कि क्या जदयू अपनी यह सीट बचा पाएगी या फिर राजद परिवर्तन करने में सफल होगी। 

2020 के प्रमुख प्रत्याशी 

मो. शर्फुद्दीन, जदयू

चेतन आनंद, राजद

विजय कुमार पांडेय, लोजपा

मो. वामिक जफीर, जाप

राधाकांत गुप्ता, निर्दलीय

अंगेश कुमार सिंह, निर्दलीय

2015 के विजेता, दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी और मिले मत

मो. शर्फुद्दीन (जदयू) : 44,576

लवली आनंद (हम) : 44,115

2010 विजेता, दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी और मिले मत

मो. शर्फुद्दीन (जदयू) : 40,447

प्रतिमा देवी (बसपा) : 38,816

2005 विजेता, दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी और मिले मत

अजीत कुमार झा  (राजद) : 31,331

ठाकुर रत्नाकर राणा (जदयू) : 31,126

कुल वोटरः 3 लाख 2 हजार 727

पुरुष वोटरः 1 लाख 60 हजार 351 (53%)

महिला वोटरः 1 लाख 42 लाख 370 (47%)

ट्रांसजेंडर वोटरः 16 (0.0002%)

जीत का गणित

2011 की जनगणना के अनुसार, शिवहर जिले की आबादी छह लाख 56 हज़ार 246 हैं। जिले का चार प्रखंड शिवहर विधानसभा क्षेत्र में आता है, जबकि 1.25 लाख वोटर वाला तरियानी प्रखंड सीतामढ़ी जिले के बेलसंड विधानसभा के अधीन है। शिवहर की 96 फीसद आबादी गांव और चार फीसद आबादी शहरी है। 13 फीसद अनुसूचित जाति गांव में व एक फीसद शहर में रहती है। इस सीट पर सर्वाधिक वोटर वैश्य समुदाय के है। इसके बाद राजपूत, मुस्लिम, ब्राह्मण और भूमिहार का ज्यादा प्रभाव है। 

प्रमुख मुद्​दे :

1. रेलमार्ग की स्थापना : यहां के लोगों की यह वर्षों पुरानी मांग है। तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने शिवहर में रेललाइन के निर्माण के लिए सर्वे का शिलान्यास किया था। हालांकि, अबतक शिवहर में ट्रेन का चलना सपना बना हुआ है।

2. खोरीपाकड़ और बेलवा घाट पुल : पुरनहिया प्रखंड के खोरीपाकड़ और पिपराही प्रखंड के बेलवाघाट में बागमती नदी पर पुल के निर्माण की मांग दशकोंं से उठती रही है, लेकिन दोनों पुलों का निर्माण नहीं हो सका है।

3. जर्जर सड़क : शहर की सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। स्टेट हाईवे का बुरा हाल है। एक दशक से अधिक समय बीतने के बाद भी एनएच 104 का निर्माण अधूरा है। दर्जनभर जर्जर पुल कोढ़ में खाज साबित हो रहा है। 

4. उद्योग : शिवहर में कोई उद्योग नहीं है। ऐसे में उद्योगों का विकास होता है तो रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगीं। बेरोजगारी दूरी होगी, पलायन पर रोक लगेगा।

5. शिक्षा : यहां शिक्षा की तस्वीर काफी भयावह है। महज 38 फीसद लोग शिक्षित है। अच्छे शिक्षण संस्थान का अभाव है। 

6. स्वास्थ्य : जिले के अस्पतालों में संसाधनों का अभाव है। निजी स्तर पर भी अच्छे अस्पताल नहीं है। ब्लड बैंक, आइसीयू और ओटी जैसी व्यवस्था नहीं है।

7. बाढ़ : शिवहर के लोग हर साल बागमती नदी की बाढ़ की तबाही झेलते हैं, लेकिन बाढ़ की समस्या का स्थायी निदान नहीं निकाला जा रहा है।


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