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Bihar Election 2020: चुनाव को लेकर उदासीन थर्ड जेंडर, पहले चरण में केवल 3.21 फीसद ने ही दिए वोट

Bihar Election News 2020 थर्ड जेंडर समुदाय अक्‍सर राजनीति और समाज में अपनी उपेक्षा काे लेकर व्‍यथा जताता है लेकिन इसके लिए वह खुद भी कम जिम्‍मेदार नहीं हैं। दरअसल यह तबका लोकतंत्र के महापर्व चुनाव को लेकर पूरी तरह सुस्‍त है।

By Shubh NpathakEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 06:29 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 06:56 AM (IST)
Bihar Election 2020: चुनाव को लेकर उदासीन थर्ड जेंडर, पहले चरण में केवल 3.21 फीसद  ने ही दिए वोट
बिहार विधानसभा चुनाव में वोटिंग की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जयशंकर बिहारी, पटना। बच्चों के जन्म पर शुभाशीष देने और मंगलगान करने वाले मंगलामुखी (थर्ड जेंडर) समुदाय की लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी सबसे कम है। 28 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 71 सीटों पर हुए मतदान में ऐसे महज 3.21 फीसद मतदाताओं ने ही अपने अधिकार का उपयोग किया। पहले चरण में 591 थर्ड जेंडर वोटर पंजीकृत थे। पिछले चुनाव के आंकड़े भी संतोषजनक नहीं रहे हैं। 2010 से महिला-पुरुष के साथ-साथ अन्य का कॉलम भी शामिल किया गया, इसमें एक भी मतदाता का नाम दर्ज नहीं था।

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2015 के चुनाव में केवल 2116 ने किया मत का प्रयोग

2015 में अन्य कॉलम के बजाए थर्ड जेंडर शामिल किया गया। पिछले विधानसभा चुनाव में 2116 रजिस्टर्ड मतदाता में सिर्फ दो फीसद ही मत का प्रयोग कर सकीं। मंगलामुखी से जुड़ी समस्याओं को प्रमुखता से रखने वाली रेशमा प्रसाद का कहना है कि थर्ड जेंडर का अधिकार भी संघर्ष के बाद मिला है। चुनाव में हर वर्ग के लिए दल अपने घोषणा पत्र में कुछ न कुछ सौगात देते हैं। मंगलामुखी को यहां भी स्थान नहीं मिलता। अब धीरे-धीरे जागरूकता बढ़ रही।

11 विधानसभा में एक भी मतदाता नहीं

पहले चरण की आठ सीटों पर एक भी थर्ड जेंडर मतदाता दर्ज नहीं हैं। इनमें बांका जिले के अमरपुर, धौरिया, बांका, कटोरिया, शेखपुरा जिले के बरबीघा व शेखपुरा, भोजपुर के अगीआंव तथा बक्सर के राजपुर सीट शामिल हैं। दूसरे चरण की 94 सीटों में से दरभंगा की बेनीपुर व अलीनगर तथा सारण की बनियापुर सीट से एक भी थर्ड जेंडर मतदाता नहीं है। तीसरे चरण की सभी 78 सीटों पर मंगलामुखी मतदाता हैं। पहले चरण में 591, दूसरे चरण में 980 तथा तीसरे चरण में 894 मतदाता रजिस्टर्ड हैं।

इस बार प्रत्याशी और पीठासीन पदाधिकारी भी बनीं

विधानसभा चुनाव में इस बार पटना की मोनिका दास को पीठासीन पदाधिकारी बनाया गया है। यह देश में पहली ट्रांस जेंडर पीठासीन पदाधिकारी हैं। पटना स्थित केनरा बैंक में अधिकारी मोनिका पटना विश्वविद्यालय से लॉ में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। मोनिका का कहना है कि सोसाइटी को थर्ड जेंडर को लेकर नजरिया बदलने की जरूरत है। दूसरे चरण के 1463 प्रत्याशियों में एक थर्ड जेंडर भी है। गोपालगंज जिले की हथुआ सीट से लोक जनशक्ति पार्टी ने थर्ड जेंडर राम दर्शन प्रसाद उर्फ मुन्ना किन्नर को प्रत्याशी बनाया है। मुन्ना वर्तमान में हथुआ के जिला पार्षद हैं। वह 2012 में फुलवरिया और 2015 में हथुआ से पार्षद का चुनाव जीत चुकी हैं।


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