Bihar Election 2020 : मिथिलांचल में नीतीश को मात देने के लिए लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने तैयार की यह रणनीति, इस योजना पर कर रहे काम
Bihar Election 2020 लोजपा ने भाजपा-जदयू के बागी नेताओं को साथ लेने की रणनीति पर शुरू किया काम। एनडीए से लोजपा प्रमुख के बगावत के बाद मिथिला में तैयार होता जा रहा नया कुनबा। विधानसभा अध्यक्ष और खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री की अग्निपरीक्षा होगी।
दरभंगा, [ संजय कुमार उपाध्याय] । Bihar Election 2020 : एनडीए में लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान की बगावत मिथिला की राजनीति में नया कुनबा तैयार कर रही। वर्ष 2010 और 2015 के विधानसभा चुनावों के नतीजों को केंद्र में रखकर लोग नए समीकरण का ताना-बाना बुन रहे। वैसे टिकटार्थी, जिनके लिये एनडीए में उम्मीद की लौ बुझ चुकी है, वे 'चिरागÓ के साथ खुद की राजनीति रोशन करना चाह रहे। चिराग की नजर भी एनडीए के मजबूत बागियों पर है। इधर, भाजपा ने अपना स्टैंड बिल्कुल साफ कर दिया है कि चुनाव में चिराग प्रधानमंत्री के नाम या उनकी तस्वीर आदि का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। स्थिति को भांपते हुए उन्होंने वैसे नेताओं को अपने साथ लेने की तैयारी शुरू कर दी है जो भाजपा-जदयू के टिकट की रेस में थे और नए समीकरण के साथ शीट शेयरिंग में उन्हें टिकट से वंचित होना पड़ रहा। चिराग अपनी घोषणा के अनुरूप दरभंगा प्रमंडल में जदयू की सभी सीटों पर उसके खिलाफ प्रत्याशी उतारते हैं तो यहां के दो कद्दावर नेता क्रमश: सरायरंजन के विधायक सह विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री मदन सहनी की भी अग्निपरीक्षा होगी।
लोजपा व वीआइपी के स्टैंड से रोचक हुआ मुकाबला
इस बार के चुनाव में दरभंगा की 10 में से छह पर भाजपा, चार पर जदयू, मधुबनी की 10 में से छह पर भाजपा, चार पर जदयू और समस्तीपुर की 10 में से सात सीटों पर जदयू और तीन पर भाजपा को चुनाव लडऩा है। वर्ष 2010 के चुनाव में दरभंगा के हायाघाट में भाजपा की जीत हुई थी और लोजपा के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे। समस्तीपुर के कल्याणपुर में जदयू की जीत हुई थी और लोजपा दूसरे स्थान पर रही। मधुबनी के बेनीपट्टी में भाजपा जीती थी और लोजपा दूसरे स्थान पर थी। इसी तरह 2015 में दरभंगा के हायाघाट और गौड़ाबौराम में जदयू ने जीत दर्ज की थी। दोनों सीटों पर लोजपा दूसरे स्थान पर थी। समस्तीपुर की वारिसनगर सीट से जदयू ने जीत दर्ज की थी और लोजपा दूसरे स्थान पर रही। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चिराग किस तरह के प्रत्याशी लाते हैं। वैसे, वीआइपी के एनडीए में शामिल होने के बाद मिथिला की राजनीति और गरम होने लगी है।