Bihar, Buxar Assembly Election 2020: Ex DGP गुप्तेश्वर पांडेय को झटका, परशुराम चतुर्वेदी होंगे बक्सर से भाजपा प्रत्याशी
Bihar Buxar Assembly Election 2020 बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने पहले भी चुनाव लड़ने के लिए लिया था वीआरएस। दोबारा बक्सर से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी थी। भाजपा के कोटे में चली गई बक्सर की सीट। भाजपा ने घोषित किए उम्मीदवार ।
पटना, जेएनएन। Bihar Assembly Election 2020: भाजपा (BJP) ने सात अक्टूबर, बुधवार देर शाम पहले चरण (first phase) के लिए बक्सर सहित दो और सीटों पर प्रत्याशियों (candidates) की घोषणा कर दी। इसके साथ ही बक्सर सीट से पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Former DGP Gupteshwar Pandey) का चुनाव लड़ने का सपना टूट गया। उन्होंने जदयू के टिकट पर बक्सर से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी की थी। सीटों के बंटवारे में बक्सर सीट भाजपा के कोटे में चले जाने से गुप्तेश्वर पांडे्य बेटिकट हो गए।
चुनाव लड़ने के लिए डीजीपी का पद छोड़ा
कुछ ही दिनाें पहले उन्होंने बिहार के डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary retirement) लेकर जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी। डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति के बाद से ही बक्सर से उनकी उम्मीदवारी पक्की मानी जा रही थी। हालांकि, टिकट कटने के बाद भी उन्होंने सीएम नीतीश कुमार में विश्वास व्यक्त किया है। कहा है कि वे पार्टी के समर्पित सिपाही बने रहेंगे। बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput case) की मौत मामले में मुंबई जाकर बिहार पुलिस की जांच मामले से पूर्व डीजीपी नेशनल मीडिया की सुर्खियों में आए थे। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जांच में असहयोग के बाद पूर्व डीजीपी ने ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सुशांत सिंह की मौत की जांच को सीबीआइ से कराने का आग्रह किया था।
गुप्तेश्वर पांडेय के कार्यालय में पसरा सन्नाटा
बक्सर सीट पर डीजीपी पद से वीआरएस लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे गुप्तेश्वर पांडेय को करारा झटका लगा है। पिछले कई दिनों से आंबेडकर चौक स्थित एक मैरेज हॉल में खुले पूर्व डीजीपी और जदयू नेता गुप्तेश्वर पांडेय के कार्यालय में अचानक सन्नाटा पसर गया।
दोबारा हाथ लगी निराशा
यह दूसरा मौका है जब पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को राजनीति में उतरने की मंशा पर पानी फिर गया। इसके पहले साल 2009 में भी उन्होंने आइजी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर राजनीति में किस्मत आजमाने का फैसला किया था। उस वक्त भी वे बक्सर से ही चुनाव लड़ना चाहते थे। तब भी बात नहीं बन पाई थी।
अंत समय में हुआ फैसला
बक्सर विधानसभा से कभी पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय तो कभी भाजपा के नेताओं के नाम उछलते रहे। अंत में दो नामों पर चर्चा आकर टिक गई, पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय और भाजपा के परशुराम चतुर्वेदी पर। शाम तक यह निर्णय नहीं हो पाया था कि किसको टिकट मिल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पहले ही बक्सर की सीट को भाजपा का परंपरागत सीट बताया था। वह भाजपा को सींचने वाले किसी कार्यकर्ता को ही टिकट देने के पक्षधर थे।
बक्सर से परशुराम मैदान में
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने गुरुवार को दो और प्रत्याशियों की सूची जारी की। बक्सर से पार्टी ने परशुराम चतुर्वेदी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं अरवल सीट पर दीपक शर्मा को उम्मीदवार घोषित किया गया है। दोनों प्रत्याशी पार्टी के किसान मोर्चा से जुड़े रहे हैं। चतुर्वेदी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी हैं। बता दें कि एनडीए में जदयू और भाजपा के बीच सीट बंटवारे में अब बक्सर की सीट भाजपा के कोटे में चली गई है। जदयू ने आज अपने 115 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान कर दिया है। भाजपा ने भी आज बक्सर और अरवल सीट सहित अपने अपने 29 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है।