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Bihar Election 2020 First Phase: इन प्रत्‍याशियों पर टिकी देश की नजर, मांझी व अनंत से श्रेयसी तक चर्चा में हैं कई नाम

Bihar Election First Phase Voting बिहार चुनाव के पहले चरण का मतदान आज होने जा रहा है। इसमें कई दिग्‍गजों की प्रतिष्‍ठा दांव पर लगी है। जीतन राम मांझी का सियासी भविष्‍य हो या श्रेयसी सिंह की विधानसभा में एंट्री इनका भी फैसला होने जा रहा है।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 11:53 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 06:08 AM (IST)
Bihar Election 2020 First Phase: इन प्रत्‍याशियों पर टिकी देश की नजर, मांझी व अनंत से श्रेयसी तक चर्चा में हैं कई नाम
अनंत सिंह, श्रेयसी सिंह एवं जीतन राम मांझी। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, जेएनएन। Bihar Election 2020 First Phase Voting: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) का पहला चरण का मतदान (First Phase Voting) आज होने जा रहा है। बुधवार को पहले चरण की 71 सीटों के लिए 1066 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें कुछ खास पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। उनमें से कुछ की हार-जीत पर बिहार की सियायत का भी फैसला टिका है तो कुछ अपने दलों के लिए प्रतिष्‍ठा बन गए हैं। कुछ के लिए यह अस्तित्‍व की भी लड़ाई है। आइए डालते हैं नजर।

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श्रेयसी सिंह

श्रेयसी सिंह (Shreyasi Singh) राजनीति में भले ही नई हों, लेकिन राजनीति उनके लिए नई चीज नहीं है। देश के लिए भी वे कोई अनजान चेहरा भी नहीं हैं। अर्जुन पुरस्‍कार से सम्‍मानित तथा निशानेबाजी में राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण व एशियाई खेलों में कांस्‍यपदक विजेता श्रेयसी सिंह पूर्व मंत्री दिग्‍विजय सिंह एवं पूर्व सांसद पुतुल सिंह की बेटी हैं। बीते लोक सभा चुनाव के दौरान उन्‍होंने बांका से प्रत्‍याशी रहीं अपनी मां के लिए चुनाव प्रचार भी किया था। 29 साल की श्रेयसी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपना भविष्‍य का चेहरा देखा है। वे जमुई से बीजेपी की प्रत्‍याशी हैं, जहां उनका मुकाबला राष्‍ट्रीय जनता दल के बड़े नेता विजय प्रकाश से हो रहा है।

श्रेयसी बिहार के लोगों का आजीविका के लिए पलायन रोकने और उनका प्रदेश में भरोसा बहाल करने का लक्ष्य लेकर विधानसभा चुनाव लड़ रहीं हैं। कहतीं हैं कि राजनीति में विकास की बात होनी चाहिए। केवल मूलभूत ढांचा बदलना ही विकास नहीं होता है, बल्कि बहुआयामी विकास जरूरी है।

जीतनराम मांझी

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष व पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) इस चुनाव में राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में हैं। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उन्‍होंने महागठबंधन छोड़ कर नीतीश कुमार के साथ एनडीए का दामन थाम लिया था। लोक जनशक्ति पार्टी के बाद मांझी को एनडीए में दलित चेहरा के रूप में देखा जा रहा है। मांझी के लिए यह चुनाव अस्तित्‍व की लड़ाई है। अगर वे सम्‍मानजनक सीटें पाने में कामयाब रहे तो बिहार की राजनीति में बड़ा दलित चेहरा बनकर उभरेंगे, यह तय है। जनता दल यूनाइटेड के लिए वे एलजेपी अध्‍यक्ष चिराग पासवान की बड़ी काट भी बनेंगे। अन्‍यथा चुनावो में लगातार नाकामियों को झेलते मांझी अगर इस बार भी फेल रहे तो राजनीतिक का बियाबान भी उनका इंतजार करता दिख रहा है।

अनंत सिंह

बिहार की राजनीति में जब भी बाहुबलियों की बात होती है, अनंत सिंह (Anant Singh) का नाम जरूर आता है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) हों या राष्‍ट्रीय जनता दल सुप्रीमो (RJD) लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav), अनंत सिं‍ह समय-समय पर दोनों के लिए राजनीतिक मजबूरी बनते रहे हैं। कभी नीतीश के करीब रहे अनंत इस चुनाव में लालू के साथ हैं और तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) में भविष्‍य का मुख्‍यमंत्री देख रहे हैं। अनंत सिंह मोकामा से चौथी बार चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के राजीव लोचन सिंह से हैं। मोकामा में 'छोटे सरकार' के नाम से प्रसिद्ध अनंत सिंह बीते चुनाव में जेडीयू को भारी अंतर से पराजित करने में सफल रहे थे।


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