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Bihar Chunav Counting 2020: समस्तीपुर की सरायरंजन सीट से छठी बार विजय ने चखा जीत का स्वाद

Bihar Sarairajanjan Chunav Counting 2020 बिहार विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र से लगाई जीत की हैट्रिक।मंडलवाद की राजनीति के उभरने के बाद 1995 के चुनाव में जनता दल के रामलखन महतो ने उन्हें पराजित कर उनके विजय अभियान को रोक दिया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 09:27 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 09:34 PM (IST)
Bihar Chunav Counting 2020: समस्तीपुर की सरायरंजन सीट से छठी बार विजय ने चखा जीत का स्वाद
एक बार फिर से जनता ने विजयी माला पहना कर उनके प्रति अपनी आस्था को स्पष्ट कर दिया है।

समस्तीपुर, [पदमाकर सिंह लाला]। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की मतगणना में समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र से जदयू उम्मीदवार सह बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के अरविंद सहनी को पराजित कर दिया। इस तरह उन्होंने अपना विजय अभियान को कायम रख हैैैट्रिक लगाई है। हालांकि यह जीत उनके लिए काफी अहम इसलिए भी है कि एनडीए की सरकार बनने की संभावनाएंं बरकरार हैं। दलसिंहसराय से कांग्रेस के पूर्व विधायक जगदीश प्रसाद चौधरी के पुत्र विजय कुमार चौधरी राजनीतिक सफर में आने से पहले बैंक पीओ के रूप में सेवारत थे। अचानक पिता की मृत्यु के बाद राजनीति में आने वाले मृदुल स्वभाव के धनी व्यक्ति विजय चौधरी ने वर्ष 1982 के उपचुनाव में भावनात्मक जीत के सहारे राजनीतिक पारी शुरू की। जो कायम रहा। 1985 में हुए चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर दूसरी बार जीते।

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2010 के चुनाव में भी हासिल की थी जीत

वर्ष 1990 के चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के उपसचेतक बने। तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के करीबी होने से कुछ समय के लिए वे जन कांग्रेस के साथ भी रहे तथा मंडलवाद की राजनीति के उभरने के बाद 1995 के चुनाव में जनता दल के रामलखन महतो ने उन्हें पराजित कर उनके विजय अभियान को रोक दिया। इसके बाद 2000 के चुनाव में भी हार हाथ लगने के बाद जिले के रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र से 2005 फरवरी व 2005 नवंबर के चुनाव में पराजय मिली।

 राजनीतिक वनवास झेल रहे विजय कुमार चौधरी ने इसके बाद राजनीतिक मूड को भांपकर जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया। पहले जदयू के महासचिव बने। इसके बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह के अचानक ही पद छोड़ने के बाद नए सिरे से उनका राजनीतिक सितारा चमका तथा वे सूबे की राजनीतिक फलक पर स्थापित हो गए। इन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बना कर नए समीकरण के संकेत दिए। भाग्य ने इनका इस बार जमकर साथ दिया। सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र से 2010 के चुनाव में राजद के रामाश्रय सहनी को 17754 मतों के अंतर से पराजित करने के साथ इनके नेतृत्व में हुए चुनाव में राजग को जबर्दस्त सफलता मिली। साथ ही मिथिलांचल में पार्टी ने अपनी गहरी पैठ बनाई। इसके बाद वे नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में जलसंसाधन मंत्री, प्रभारी गृहमंत्री बने। मांझी प्रकरण के बाद जदयू विधायक दल के नेता चुने गए। इसके बाद नीतीश सरकार में फिर से जलसंसाधन, कृषि, सूचना व जनसंपर्क मंत्री बने। फिर नीतीश कुमार ने एक बार फिर विश्वास व भरोसा जतलाया तो विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन हुए ।एक बार फिर से जनता ने विजयी माला पहना कर उनके प्रति अपनी आस्था, विश्वास व जिम्मेदारी को स्पष्ट कर दिया है। 


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