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Bihar Chunav 2020: माई समीकरण में सेंध लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने दिया संदेश, हम आपके दुश्मन नहीं

Bihar Chunav 2020 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खानकाह में चादरपोशी को अल्पसंख्यक मतदाताओं को संदेश देने की दृष्टि से भी देखा जा रहा है। वे एमवाई समीकरण में सेंध लगाने के लिए लगातार संदेश दे रहे हैं। चुनावी भाषणों में भागलपुर दंगा की बात करना भी नहीं भूलते।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 07:43 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 08:51 AM (IST)
Bihar Chunav 2020: माई समीकरण में सेंध लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने दिया संदेश, हम आपके दुश्मन नहीं
खानकाह में चादर पोशी करते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।

पटना/ फुलवारीशरीफ, जेएनएन। बिहार विधानसभा चुनाव-2020 के तहत दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर को है। इस चरण में मुस्लिम अल्पसंख्यक मतदाताओं की काफी सीटों पर प्रभावी भूमिका है। इसे देखते हुए जदयू अध्यक्ष बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों को साफ संदेश दिया है। यह संदेश है-अल्पसंख्यक हमें अपना दुश्मन न समझें। हम आपके भी हैं। आपके लिए हमने जो किया है वह राजद राज में भी नहीं किया गया। 

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राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार अल्पसंख्यक मतदाताओं को जदयू से कोई दिक्कत नहीं है। दिक्कत है तो भाजपा है। और नीतीश कुमार भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में हैं। इसलिए अल्पसंख्यकों में जदयू को लेकर थोड़ी हिचक है। बिहार में मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण राजद का आधार वोट बैंक है। इस वोट बैंक के बदाैलत ही लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी ने बिहार में 15 साल तक एकछत्र राज किया। अब लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव को भी एमवाई समीकरण पर भरोसा है।

व्यस्त चुनाव प्रचार के बीच खानकाह मुजिबिया में तीन दिवसीय उर्स के अंतिम दिन फुलवारी में शुक्रवार की देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे। वे सज्जादा नशीं हजरत सैयद शाह आयतुल्लाह कादरी से मिलने हुजरे में गए। करीब 10 मिनट तक मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने खानकाह के संस्थापक पीर मुजिबुल्लाह कादरी के मजार पर चादरपोशी की और दुआ मांगी। नीतीश ने कहा कि अमन चैन प्रदेश में बना रहे और बिहार तरक्की करे। इस मौके पर खानकाह मुजिबिया के प्रबंधक सैयद शाह मिनहाजउद्दीन कादरी ने उनका स्वागत किया और हुजुर के हुजरे तक ले गये। उसके बाद मुख्यमंत्री सिर पर चादर रख मज़ार शरीफ तक पहुंचे और चादरपोशी कर दुआ मांगी।

मुख्यमंत्री के खानकाह में चादरपोशी को अल्पसंख्यक मतदाताओं को संदेश देने की दृष्टि से भी देखा जा रहा है। वह एमवाई समीकरण में सेंध लगाने के लिए लगातार संदेश दे रहे हैं। वे चुनावी भाषणों में भागलपुर दंगा की बात करना भी नहीं भूलते। यह कांग्रेस के शासन में हुआ था। इसके बाद बिहार में 15 साल तक शासन करने के बाद लालू-राबड़ी दंगाइयों को सजा नहीं दिला सके। भाषणों में नीतीश कुमार यह कहना नहीं भूलते हैं कि दंगाइयों को सजा हमारी सरकार ने दिलाई। लालू-राबड़ी ने सिवाय वोट लेने के अलावा अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया।


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