Bihar Assembly Election 2020: लाखों की लागत से बना महेशखूंट का यह बस पड़ाव बन गया है गिट्टी का पहाड़
महेशखूंट आसाम रोड चौराहा पर बना बस पड़ाव इन दिनों बेकार पड़ा है। यहां पर गिट्टी को डंप किया जा रहा है। शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमघट होता है। इसकी सुधि नहीं ली गई। न जनप्रतिनिधियों और न ही अधिकारियों का ध्यान इस ओर है।
खगडिय़ा, जेएनएन। महेशखूंट जिले की हृदयस्थली है। महेशखूंट आसाम रोड चौराहा पर एनएच-31, 107 और महेशखूंट-अगुवानी पथ का संगम होता है। प्रतिदिन सैकड़ों बड़े-छोटे वाहन इस होकर गुजरते हैं और रोज जाम भी लगता है। जबकि इस चौराहे से कुछ ही दूर बस पड़ाव महेशखूंट है। जहां वाहन नहीं लगाया जाता है। आज बस पड़ाव अतिक्रमण का शिकार है। यहां गिट्टी के ढेर जमा हैं। शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमघट होता है। इसकी सुधि नहीं ली गई। न जनप्रतिनिधियों और न ही अधिकारियों का ध्यान इस ओर है।
1980 में बनकर तैयार हुआ बस पड़ाव
मालूम हो कि वर्ष 1980 में गोगरी के तत्कालीन एसडीओ ने आसाम रोड चौराहे की जाम को देखकर यहां से कुछेक सौ मीटर पूर्व एनएच-31 किनारे बस पड़ाव का निर्माण कराया। बस पड़ाव की देखरेख के लिए 26 काउंटर बनाए गए। यात्रीप्रतीक्षालय, सुलभ शौचालय आदि का निर्माण किया गया। बस पड़ाव बनकर तैयार हुआ। जब बस पड़ाव का शुभारंभ होता, तो एसडीओ का तबादला हो गया। कुछ दिनों तक यहां वाहन खड़े किए जाते रहे, परंतु बाद में यह विरान रहने लगा।शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमघट होता है। इसकी सुधि नहीं ली गई। न जनप्रतिनिधियों और न ही अधिकारियों का ध्यान इस ओर है।
वर्तमान में बस पड़ाव की स्थिति हो चुकी है जर्जर
बस पडाव पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। शौचालयखंडहर में बदल गया है। यात्री प्रतीक्षालय और काउंटर पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। परिसर में गिट्टी का पहाड़ है। जो किसी संवेदक का है। स्थानीय कुंवर ङ्क्षसह ने इस ओर गोगरी एसडीओ का ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने कहा कि अगर इस बस पड़ाव का जीर्णोद्धार करा दिया जाए, तो महेशखूंट के विकास के नए रास्ते खुलेंगे। लोगों को जाम से भी मुक्ति मिलेगी। जबकि गोगरी एसडीओ सुभाषचंद्र मंडल ने कहा कि विधानसभा चुनाव बाद इस ओर ध्यान दिया जाएगा।