Bihar Assembly Election 2020: तारापुर में कांग्रेस के गढ़ में समाजवादी धड़े का अब वर्चस्व
अगस्त क्रांति के दौरान कुछ दिनों के लिए तारापुर में समानांतर सरकार का गठन भी हुआ। आजादी के साथ ही तारापुर विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। शुरू में तारापुर कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा। बाद में समाजवादी धड़े के राजनीतिक दलों ने अपना वर्चस्व कायम किया।
मुंगेर, जेएनएन। तारापुर शहीदों की धरती रही है। स्वतंत्रता संग्राम में यहां के लोगों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर तन मन धन सब कुछ राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। तारापुर थाना पर झंडा फहराने के क्रम में अनेकों लोगों ने शहादत दी। अगस्त क्रांति के दौरान कुछ दिनों के लिए तारापुर में समानांतर सरकार का गठन भी हुआ। आजादी के साथ ही तारापुर विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। शुरू में तारापुर कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा। बाद में समाजवादी धड़े के राजनीतिक दलों ने अपना वर्चस्व कायम किया।
तारापुर क्षेत्र का सबसे अधिक समय तक प्रतिनिधित्व करने का अवसर शकुनी चौधरी को मिला। 1980 में पहला चुनाव हारने के बाद बतौर निर्दलीय उम्मीदवार शकुनी चौधरी ने 1985 में जीत हासिल की । इसके बाद का चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा। पुन: समता पार्टी, राजद तथा हम पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े। बीते दो विधानसभा चुनाव में लगातार जदयू ने जीत दर्ज की। बीते चुनाव में मतदाताओं ने प्रमुख दो उम्मीदवारों के पक्ष में बड़ी संख्या में मतदान किया, अन्य उम्मीदवारों की हैसियत नोटा के कुल वोटों से भी कम रही।
अब तक हुए विधायक
वर्ष विधायक पार्टी
2015 डॉ मेवालाल चौधरी जदयू
2010 श्रीमती नीता चौधरी जदयू
2005 श्री शकुनी चौधरी राजद
2000 श्री शकुनी चौधरी राजद
1998उपचुनाव श्रीमती पार्वती देवी समता पार्टी
1995 श्री शकुनी चौधरी समता पार्टी
1990 श्री शकुनी चौधरी कांग्रेस
1985 श्री शकुनी चौधरी निर्दलीय
1980 श्री नारायण यादव भाकपा
1977 श्रीमती कौसल्या देवी जनता पार्टी
1972 श्री तारिणी प्रसाद ङ्क्षसह कांग्रेस
1969 श्री तारिणी प्रसाद ङ्क्षसह शोषित दल
1967 श्री विजय नारायण प्रशांत सोशलिस्ट पार्टी
1962 श्री जयमंगल ङ्क्षसह शास्त्री कांग्रेस
1957 श्री श्री वासुकीनाथ राय कांग्रेस
1952 श्री वासुकीनाथ राय कांग्रेस
डॉ. मेवालाल चौधरी के लिए लगातार दो बार जीतने वालों के क्लब में शामिल होने का मौका
संवाद सूत्र, तारापुर (मुंगेर) : तारापुर विधानसभा क्षेत्र से अब तक के चुनाव में स्व. वासुकीनाथ राय, स्व. तारिणी प्रसाद सिंह, शकुनी चौधरी ही दो बार या इससे अधिक चुनाव जीतने में सफलता रहे हैं। वर्तमान विधायक डॉ मेवालाल चौधरी एक बार फिर से जदयू के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने दो बार चुनाव जीतने वाले नेताओं के क्लब में शामिल होने का बेहतर मौका है। आजादी के बाद हुए चुनाव में 1951 एवं 1957 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से वासुकीनाथ राय ने जीत हासिल की। 1969 में शोषित दल के चुनाव चिन्ह पर तारिणी प्रसाद ङ्क्षसह तथा 1972 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर तारिणी प्रसाद ङ्क्षसह ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल की। सर्वाधिक पांच बार शकुनी चौधरी ने तारापुर का प्रतिनिधित्व किया। 1985 में निर्दलीय, 1990 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, 1995 में समता पार्टी, 2000 एवं 2005 में में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीता था। 1998 में उनकी पत्नी पार्वती देवी उपचुनाव में समता पार्टी के टिकट पर विजयी हुई थी। वर्तमान विधायक डॉ मेवालाल चौधरी 2015 में पहली बार विधायक चुने गए । हालांकि उनकी ही छत्रछाया में 2010 में उनकी पत्नी नीता चौधरी विधायक बन चुकी थी। डॉ मेवालाल चौधरी के लिए स्वयं दूसरी बार विधायक बन कर लगातार दो बार तारापुर विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज करने वालों के क्लब में शामिल होने की चुनौती होगी।