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Bihar Assembly Election: लोजपा की निगाह 'कास्ट फैक्टर' पर, बागियों पर दिखा रहे भरोसा

राजग से अलग राह पकड़ने वाली लोजपा जीत के लिए सिर्फ कास्ट फैक्टर पर ध्यान दे रही। उधार के उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा दिखाकर टिकट बांटने में जातीय समीकरण का ख्याल रखा गया है। इसी रणनीति के तहत पार्टी ने पहले चरण में 42 उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 08:13 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 07:45 AM (IST)
Bihar Assembly Election: लोजपा की निगाह 'कास्ट फैक्टर' पर, बागियों पर दिखा रहे भरोसा
लोजपा जीत के लिए सिर्फ कास्ट फैक्टर पर ध्यान दे रही है।

दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार के विकास के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग राह पकड़ने वाली लोजपा जीत के लिए सिर्फ कास्ट फैक्टर पर ध्यान दे रही। उधार के उम्मीदवारों पर भरोसा है और टिकट बांटने में जातीय समीकरण का पूरा ख्याल। इसी के साथ पार्टी ने पहले चरण में 42 उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है। भाजपा को छोड़कर राजग के बाकी घटक दलों (जदयू, विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) के विरुद्ध उसने अपने लड़ाकों को मैदान में भेज दिया है।

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अब तक जो सिंबल दिए गए हैं, उनमें भूमिहार और राजपूत बिरादरी से आठ-आठ, पासवान से छह, यादव से पांच, कुशवाहा से चार, वैश्य से दो ब्राह्मण और निषाद बिरादरी से एक-एक उम्मीदवार हैं। एक मुस्लिम को भी सिंबल दिया गया है। छह उम्मीदवार अन्य जाति के हैं। भाजपा से आए राजेंद्र सिंह, रामेश्वर चौरसिया, डा. उषा विद्यार्थी, डा. रवींद्र चरण यादव, इंदु कश्यप और जदयू से आए भगवान सिंह कुशवाहा लोजपा की ओर से लड़ाई की तैयारी कर रहे। लोजपा के एक नेता ने स्वीकार किया कि पार्टी में जीत दर्ज कराने की क्षमता वाले पर्याप्त उम्मीदवार नहीं हैं। इसलिए दूसरे दलों से आने वालों को मैदान में उतारने की कोशिश हो रही। इससे हमारा दायरा भी बढ़ रहा।  

निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं में बढ़ा असंतोष

लोजपा में टिकट वितरण में पार्टी कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं मिलने से निचले स्तर पर असंतोष बढ़ रहा है। पार्टी नेतृत्व के समक्ष जहानाबाद और भोजपुर के तमाम नेताओं-कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर की है। विभिन्न जिलों में पार्टी से दर्जन भर नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। प्रदेश लोजपा तकनीकी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके निरंजन सिंह के मुताबिक रामविलास पासवान की गैर-मौजूदगी में नए नेतृत्व ने बाहरी उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी है। इससे पार्टी के निचले स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि बाहरी उम्मीदवारों से लोजपा को कितना फायदा होगा, यह चुनावी नतीजे से पता चल जाएगा।

पहले दौर में 42 उम्मीदवारों में नौ महिला

पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने नामांकन के अंतिम दिन गुरुवार को पहले से सिंबल बांट चुके उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी करते हुए कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने की अपील की। लोजपा के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक के हस्ताक्षर से जारी उम्मीदवारों की सूची में 20 फीसद महिलाओं की भागीदारी है। अब तक नौ महिलाओं को सिंबल दिया जा चुका है। पार्टी के अधिसंख्य जिला अध्यक्षों को भी मैदान में उतार दिया गया है।


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