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Bihar Election 2020: JDU की सबसे बड़ी पूंजी है CM नीतीश कुमार का भरोसेमंद चेहरा: अशोक चौधरी

Bihar Assembly Election 2020 जेडीयू के प्रदेश कार्यकारी अध्‍यक्ष व मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि बिहार में उनकी पार्टी की जीत तय है क्‍योंकि पीतीश कुमार ने काम किए हैं। जनता के बीच नीतीश कुमार का भरोसेमंद चेहरा पार्टी की सबसे बड़ी पूंजी है।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 09:41 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 04:37 PM (IST)
Bihar Election 2020: JDU की सबसे बड़ी पूंजी है CM नीतीश कुमार का भरोसेमंद चेहरा: अशोक चौधरी
जदयू के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी। फाइल तस्‍वीर।

Bihar Assembly Election 2020: जदयू के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ चुनावी सभाओं में सक्रिय हैं। एक दर्जन से अधिक चुनावी सभाओं में शामिल होने के बाद उन्हें चुनाव कैसा लग रहा है? कैसा फीडबैक है? ऐसे सवालों के जवाब में वे कहते हैं कि चुनाव में जदयू के लिए सबकुछ 'प्लस-प्लस' है। जदयू की सबसे बड़ी पूंजी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भरोसे वाला चेहरा है। हमने आरंभ में ही यह नारा दिया था कि परखा है जिसको, चुनेंगे इसको। जदयू के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी से विभिन्न मसलों पर बात की विशेष संवाददाता, भुवनेश्वर वात्स्यायन ने।

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विपक्ष यही कह रहा कि इस बार नीतीश कुमार की सरकार नहीं बनेगी। एक धारणा बनाई जा रही। इसका अहसास जदयू को है?

- परसेप्शन बनाने में वे लोग सक्रिय हैं, जो आरंभ के दिनों में चुनाव के पक्ष में ही नहीं थे। लोगों को बताने के लिए ऐसे लोगों पास कुछ है ही नहीं।  इसलिए अपनी ऊर्जा गलत धारणा बनाने पर खर्च कर रहे हैं। जदयू को यह देख हंसी भी आती है विपक्ष के लोग किस-किस तरह की बातें कर रहे हैं। जनता भी यह बात पूरी तरह समझती है।

आप कह रहे कि जदयू को बढ़त मिलने वाली है। यह किसी आधार पर है या यूं ही चुनाव में पार्टी का बोलना है?

- प्लस-प्लस की बात निराधार नहीं है। तार्किक ढंग से सोचें। इसमें कोई शक है क्या कि जदयू के लिए सबसे बड़ी पूंजी नीतीश कुमार का भरोसेमंद चेहरा है? क्या कभी किसी को बचाने या फंसाने का आरोप लगा है नीतीश कुमार पर? पंद्रह वर्षों के कार्यकाल में नीतीश कुमार ने विकास नहीं किया यह कहकर जनता को आप सहमत कर सकते हैं क्या? पार्टी इन बातों को लगातार लोगों के समक्ष रख रही।

यह भी चर्चा होती है कि भाजपा से जदयू को सहयोग नहीं मिल रहा?

- यह सब भ्रम फैलाया जा रहा। भाजपा और जदयू का आपस में पूरा सहयोग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जल्द ही संयुक्त सभाएं शुरू होंगी।

अब तक 12 से अधिक चुनावी सभाओं में आप नीतीश कुमार के साथ रहे हैं। क्या मूड है लोगों का?

- जहां तक मेरा अनुभव है, वह हमें उत्साहित कर रहा। मुख्यमंत्री अपनी सभाओं में जब सेक्टर के हिसाब से अपने द्वारा किए गए कार्यों को बताते हैं, तो लोग तालियों के साथ उस पर मुहर लगाते हैैं। बिहार की तस्वीर विगत 15 वर्षों में बदली है, यह सभी को स्वीकार्य है। मुख्यमंत्री जब सात निश्चय-2 के तहत हर खेत को पानी, महिला उद्यमिता के लिए ऋण आदि की बात करते हैं, तो लोग उत्साहित होकर तालियां बजाते हैैं। यहीं हमें लगता है कि नीतीश कुमार लोगों के बीच भरोसे वाले चेहरे के रूप में हैं। लोगों का विश्वास है कि नीतीश कुमार जो कहते हैं, वह करते हैं।

युवाओं को क्या मतलब है 15 साल बनाम 15 साल से? उन्होंने लालू-राबड़ी के 15 साल को कहां देखा है?

-  पर उन्हें यह जानना जरूरी है कि पति-पत्नी के 15 वर्षों के शासनकाल में बिहार की क्या स्थिति थी? नीतीश कुमार ने जब काम संभाला तो किस तरह से उन्होंने यह परिवर्तन किया? कामकाज की संस्कृति बदली, अत्याधुनिक कार्यशैली अपनाई गई। विधि-व्यवस्था और आधारभूत संरचना के क्षेत्र की बड़ी उपलब्धियों को हम युवाओं को बता रहे।

युवाओं की बड़ी भूमिका रहती है नई सरकार के गठन में। कहा जा रहा कि उनमें आक्रोश है?

- युवाओं की बात जब विपक्ष के लोग करते है, तो यह हजम नहीं हो पाती। पति-पत्नी के 15 वर्षों के शासनकाल में युवाओं के लिए चरवाहा विद्यालय ही न बना। नीतीश कुमार ने युवाओं के लिए इतने सारे तकनीकी संस्थान बिहार में खुलवाए। बिहार में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। सात निश्चय के तहत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का इंतजाम कराया। नीतीश कुमार के शासनकाल में ही बिहार में कंप्यूटर पर काम आगे बढ़ा। आर्थिक हल युवाओं के बल के तहत स्वयं सहायता भत्ता और कुशल युवा जैसे कार्यक्रम चले। युवा तो हमारे साथ हैं।

पर चिराग और तेजस्वी तो युवाओं को उनके साथ रहने का दावा कर रहे?

- दावा करने से नहीं होने वाला कुछ, हकीकत को समझना चाहिए। चिराग पासवान तो वोटकटवा के रूप में हैंं। कोई राजनीतिक सोच भी है क्या? तेजस्वी कह रहे है कि पहले कैबिनेट में दस लाख लोगों को नौकरी देंगे। इसका कोई तर्क ही नहीं। यह सब मामले खत्म हो जाएंगे। स्पष्ट जनादेश मिलने जा रहा एनडीए को।

तेजस्वी तो चुनौती दे रहे कि नीतीश कुमार उनके खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाएं?

- यही बोलेंगे वे। अब हम कहें कि बिल क्लिंटन में हिम्मत है तो हमारे खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाएं।

मुख्यमंत्री की प्राथमिकता किस सेक्टर के लिए तय हो रही?

- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने और युवाओं की जीवनशैली बेहतर बनाने में।


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