बिहार चुनाव: रोजगार का तो जो होना है वो होगा, अब तक बांटे जा चुके 35 लाख नौकरियों के आश्वासन
Bihar Assembly Election 2020 बिहार चुनाव में इस बार बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है। ऐसे में आश्चर्य नहीं कि चुनावी वादों में रोजगार की भरमार हो गई है। सभी दलों के अश्वासनों को जोड़ दें तो 35 लाख नौकरियों के वादे किए जा चुके हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly Election 2020: नौकरियां कैसे मिलेंगी, पैसा कैसे आएगा, कितने दिन में नौकरी मिलेगी, किसे-किसे मिलेगी? इन सवालों का जवाब भले अभी न मिले, लेकिन आश्वासन भरपूर है। बेरोजगारों की संख्या की रफ्तार में राजनीतिक दल नौकरियों के इंतजाम का भरोसा दे रहे हैं। उम्मीद यह कि सरकार किसी की बने, रोजगार की गारंटी है। यह इसलिए भी रोजगार के सवाल ने सभी दलों को परेशान किया है। कोरोना के कारण राज्य के बाहर काम करने वाले लोग जब घर लौटे तो उनके लिए यह मुख्य विषय हो गया।
बहरहाल, महागठबंधन के अगुआ राजद ने सबसे पहले रोजगार का सवाल उठाया। राजद ने एलान किया कि राज्य में अगर उसकी सरकार बनती है तो 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। बेरोजगारों को पक्का भरोसा देने के लिए राजद ने यह भी जोड़ा कि नौकरी देने का फैसला कैबिनेट की पहली बैठक में लिया जाएगा।
भाजपा के घोषणा पत्र में सरकारी नौकरी के साथ रोजगार का जिक्र किया गया। कहा गया कि एनडीए की अगली सरकार 19 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगी। कृषि और मत्स्य पालन में रोजगार के अधिक उपाय बताए गए हैं। अब राजद पलट कर पूछ रहा है-इसके लिए रुपये कहां से आएंगे।
मुहिम में नीतीश भी शामिल
रोजगार बांटने की मुहिम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने साफ कहा कि सबको सरकारी नौकरियां नहीं दी जा सकती है। हां, हमारी सरकार युवाओं को इस स्तर का तकनीकी प्रशिक्षण देगी कि वे अपना रोजगार कर सके। जदयू उन सरकारी नौकरियों का ब्योरा दे रहा है, जो बीते 15 वर्ष के शासन में दी गई हैं। इनकी संख्या साढ़े छह लाख से अधिक है। राजद के अलावा कांग्रेस ने भी नौकरियों का वादा किया है। कांग्रेस साढ़े चार लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा कर रही है। वामपंथियों, रालोसपा, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा और जन अधिकार पार्टी जैसे अन्य दलों ने भी रोजगार का वादा किया है।
तब दूर हो जाएगी बेरोजगारी
राजद, भाजपा, जदयू और कांग्रेस के चुनावी वायदे को जोड़ दें तो 35 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी या अन्य तरह के रोजगार मिलने का रास्ता साफ हो गया है। जहां तक सरकारी नौकरियों में वैकेंसी का सवाल है, इसके आंकड़े अलग-अलग हैं। तेजस्वी यादव के मुताबिक तुरंत भरने लायक वैंकेसी करीब साढ़े चार लाख है। जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक तेजस्वी के दावे का खारिज करते हैं। उनके मुताबिक राज्य सरकार में बमुश्किल डेढ़ लाख पद रिक्त हैं, जिन्हें भरने की प्रक्रिया चल रही है।