Amnour Election 2020: अमनौर में जदयू के कृष्ण इस बार भाजपा के टिकट पर मैदान में, 53 फीसद पड़े वोट
Amnour Election News 2020 छपरा जिले के अंतर्गत अमनौर विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय संघर्ष के आसार हैं। यहां भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक को बेटिकट करते हुए उसे मैदान में उतारा है जो पिछली बार जदयू से लड़कर दूसरे स्थान पर रहे थे।
छपरा/अमनौर, जेएनएन। लोकसभा व विधानसभा क्षेत्र परिसीमन आयोग के वर्ष 2008 में जारी संकल्प आदेश संख्या 120 के अनुसार सारण जिला का अमनौर विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। वर्ष 2010 में अमनौर विधानसभा क्षेत्र के लिए पहला चुनाव हुआ, जिसमें एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी के रुप में जदयू के कृष्ण कुमार सिंह उर्फ मंटू ने विजय हासिल कर अमनौर का प्रथम विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया। इस बार यहां 53 फीसद मतदान दर्ज किया गया है।
तीन प्रखंडों की पंचायतों के मतदाता करते हैं मतदान
इस विधानसभा क्षेत्र में अमनौर की 18 पंचायतों के साथ मकेर प्रखंड की 8 तथा परसा प्रखंड की 6 पंचायतों को शामिल किया गया है। पूर्व में मकेर परसा तथा अमनौर प्रखंड क्षेत्र तरैया व मढौरा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा था।
वीरांगना रामस्वरुपा देवी बहुरियाजी से है पहचान
अमनौर की पहचान सारण की लक्ष्मीबाई के नाम से प्रतिष्ठित महान स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रामस्वरुपा देवी बहुरियाजी के साथ ही वर्तमान दौर में तीन बार केंद्रीय मंत्री का दायित्व संभालने सहित पार्टी संगठन में अहम जिम्मेवारी संभालने वाले भाजपा के दिग्गज नेता राजीव प्रताप रुडी से है। आजादी की जंग में अमनौर का अहम योगदान रहा है। अमनौर कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु सहित कांग्रेस के लगभग सभी वरिष्ठ नेता व स्वतंत्रता सेनानियों का अमनौर आना हुआ करता था। अमनौर का जवाहरबाग सहित आसपास का इलाका इसका मूक साक्षी रहा है।
आजीविका का प्रमुख साधन है खेती
अमनौर में लोगों के लिए आजीविका का साधन खेती ही है। पूर्व में चीनी मिल चालु रहने पर लोग ईंख की खेती बड़े पैमाने पर करते थे। नकदी फसल होने के कारण लोग खुशहाल थे। वर्तमान में गेंहू, धान, मक्का एवं आलू के अलावा लोग सब्जी की खेती करते हैं। लेकिन सिंचाई के साधन के अभाव में हर साल खेती में घाटा सहना पड़ता है।
काफी रोचक रहा था विधानसभा का पहला चुनाव
इस क्षेत्र में विधानसभा का प्रथम चुनाव काफी रोचक व दिलचस्प रहा था। उस समय यूपीए गठबंधन के लोजपा प्रत्याशी शैलेंद्र प्रताप सिंह चौथे स्थान पर खिसक गये थे। निर्दलीय सुनील कुमार एवं निर्दल शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा ने क्रमश: द्वितीय एवं तृतीय पायदान पर रहकर अपनी पहचान बनाई। 2015 के चुनाव में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गया। 2010 के विजयी राजग प्रत्याशी मंटू 2015 में यूपीए गठबंधन के ओर से तीर लेकर मैदान में आए, लेकिन इस बार गठबंधन बदलते ही परिणाम भी बदल गया। राजग गठबंधन की ओर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा ने जीत हासिल की। 2015 के चुनाव में भी निर्दलिय सुनील कुमार ने जबरदस्त टक्कर दी थी।
इस बार त्रिकोणीय संघर्ष के बन रहे अासार
इस बार के चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष के आसार दिख रहे हैं। विगत चुनाव के निर्दलीय प्रत्याशी सुनील कुमार इस बार लालटेन थामे जंगे मैदान में हैं, वहीं पूर्व विधायक कृष्ण कुमार उर्फ मंटु सिंह तीर के बदले कमल पर सवार हैं। निर्वतमान विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा कमल इस बार निर्दलीय मैदान में हैं । इस बार कुल 14 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। राजग गठबंधन एवं महागठबंधन की आर- पार की लड़ाई को निर्दलीय शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा ने त्रिकोणीय बनाकर दिलचस्प मोड़ पर खड़ा कर दिया है ।
प्रमुख मुद्दे
1. मकेर में ब्लॉक व थाना के लिए भवन: मकेर में 39 वर्ष से किराये के मकान में थाना का कामकाज चल रहा है, लेकिन आज तक इसका अपना भवन नहीं बन सका। ब्लॉक का कामकाज छोटे से ट्राइसेम भवन में चलता है। भवन के अभाव में कामकाज पर असर पड़ता है।
2. सिंचाई: कुंआ व रेहट जैसे पारंपरिक साधन के विलुप्त होने के कारण पंप सेट पर निर्भरता बढ़ गई। सरकारी नलकूप बंद पड़े हैं। नहरों में पानी का नामोनिशान नहीं रहता । नहर में पानी तभी नजर आता है जब खेतों को पानी से बचाने की जरुरत होती है।
3. रोड जाम : अमनौर बाजार में सिवान-शीतलपुर एसएच व दिघवारा-सतजोडा दो एसएच का संगम है। बाजार की सड़कें संकीर्ण होने के कारण रोड जाम की समस्या हमेशा बनी रहती है। हालांकि सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने अमनौर-सोनहो रोड से तरैया जाने वाली रोड को बायपास से जोडऩे का प्रस्ताव दिया है, जिसपर जल्द ही काम होने वाला है।
4. अमनौर के एचआर कॉलेज में पीजी की पढाई: अमनौर में जेपी विवि की अंगीभूत ईकाई है एचआर महाविद्यालय अमनौर। इस कॉले जमें स्नातकोत्तर की पढ़ाई की मांग लंबे समय से की जा रही है। इस काॅलेज में पीजी की पढाई शुरु होने पर अमनौर, मकेर, मढौरा, परसा, दरियापुर एवं गडख़ा के छात्र छात्राओं को लाभ होगा।
5. सीएचसी में सुविधा नदारद : अमनौर के सरकारी अस्पताल को पीएचसी से सीएचसी का दर्जा दिया गया, पर सुविधाएं नदारद हैं। चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों के रिक्त पड़े पद के साथ ही संसाधन का अभाव है। स्वास्थ्य सेवा के लाभ से लोग वंचित हो रहे हैं।
प्रमुख प्रत्याशी
1. कृष्ण कुमार मंटू, भाजपा
2. सुनील कुमार, राजद
3. राहुल सिंह, रालोसपा
4. शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा, निर्दलीय
वर्ष - जीते - हारे
2010 - कृष्ण कुमार मंटू, जदयू - सुनील कुमार, निर्दलीय
2015 - शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा, भाजपा - कृष्ण कुमार मंटू, जदयू