Bihar Election Dates: चुनाव आयोग ने मतदान के लिए खींच दी लक्ष्मण रेखा, पहली बार ऐसे देना होगा वोट
इस बार विधानसभा चुनाव पहले से अलग होगा। कोरोना काल में हो रहे पहले चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने लकीर खींच दी है। कई सारे बदलाव किए गए हैं। जानें कैसे होगा प्रचार और कैसे डाले जाएंगे वोट।
पटना, जेएनएन। बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। इसबार का मतदान अलग और खास होगा। कोरोना काल की वजह से प्रत्याशी और मतदाता के लिए चुनाव आयोग ने लकीर खींच दी है। बिहार में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर तथा सात नवंबर को तीन चरणों में चुनाव होगा। 10 नवंबर को परिणाम आ जाएंगे।विधानसभा चुनाव के दौरान ड्यूटी पर लगाए जाने वाले कर्मियों के लिए कोरोना से बचाव को लेकर सुरक्षा किट सामग्री तय कर दी गई है। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि मतदान दल और सुरक्षा बलों को अलग से सुरक्षा किट मिलेगी। इसमें मास्क, हैंड सैनिटाइजर, फेस शिल्ड और ग्लव्स रहेंगे। केवल कोरोना संक्रमित मतदाताओं से मतदान कराने वाले कर्मियों को पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स (पीपीई) किट देने का प्रावधान किया गया है।
बिहार विधानसभा की मौजूदा स्थिति
कुल सीटें - 243
एनडीए - 130
जदयू - 69
भाजपा - 54
लोजपा - 2
हम - 1
निर्दलीय - 4
महागठबंधन - 101
राजद - 73
कांग्रेस - 23
सीपीआई (ML) - 3
निर्दलीय - 1
अन्य - 13
AIMIM - 1
खाली सीटें - 12
पर्चा जमा करने पर अंकुश
आयोग ने पर्चा जमा करने को लेकर भी लक्ष्मण रेखा खींच दी है। प्रत्याशी के अलावा केवल एक प्रस्तावक को जाने की छूट दी गई है। इसी तरह घर-घर चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशी के अलावा चार और लोगों को शामिल होने की इजाजत दी है। सुरक्षा कर्मियों को इसमें शामिल नहीं किया है। नामांकन और रोड शो के नियम में भी फेरबदल किया गया है। पहले नामांकन में पांच वाहनों की इजाजत थी जिसे अब दो कर दिया गया है। नामांकन के वक्त सिर्फ दो लोग ही मौजूद रहेंगे। ठीक इसी तरह रोड शो के लिए भी आयोग ने 10 वाहनों की जगह सिर्फ पांच वाहनों को मंजूरी दी है। रोड शो के काफिले को भी दो हिस्सों में बांटना होगा और पार्टियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन काफि ले के दोनों हिस्सों के बीच आधे घंटे का अंतर हो। दोनों काफि ले साथ साथ नहीं चलेंगे।
पीपीई किट में वोट डालेंगे संदिग्ध
चुनाव में कोरोना संदिग्ध भी वोट डाल सकेंगे। इसके लिए उन्हें अलग सुविधा दी जाएगी। कोरोना संदिग्धों को पीपीई किट में सबसे आखिर में आना होगा। आखिर में आने के बाद ही उन्हें मतदान करने दिया जाएगा। ऐसे मरीजों को बूथ पर टोकन दिया जाएगा।