बिहार विधानसभा चुनाव को ले बड़ी खबर, जिलाध्यक्षों को प्रत्याशी नहीं बनाएगी BJP
पटना में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संगठन की भावी रीति-नीति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष को टिकट नहीं मिलेगा पर टिकट वितरण में उनकी अहम भूमिका होगी।
पटना [रमण शुक्ला]। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने संगठन से जुड़े नेताओं को सत्ता सुख हासिल करने के बजाए जनाधार विस्तार पर फोकस करने की नसीहत दी है। पार्टी पदाधिकारियों, चुनाव प्रभारियों और जनप्रतिनिधियों की पटना में हुई बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) संगठन की भावी रीति-नीति से अवगत करा गए हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि जिलाध्यक्षों को विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में पार्टी टिकट नहीं देगी।
जिलाध्यक्ष पर उम्मीदवार को जिताने की जवाबदेही
सूत्रों के अनुसार नड्डा ने कहा कि जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ऐसे कार्यकर्ता को मिलेगी, जिसके उपर जिले की विधानसभा सीट पर उम्मीदवार को जिताने की जवाबदेही होगी। टिकट वितरण में जिलाध्यक्ष अहम भूमिका निभाएंगे। संगठन से जुड़े पदाधिकारियों को सिर्फ और सिर्फ जनाधार विस्तार की चिंता करनी होगी।
सांसद-विधायक नहीं करेंगे संगठन कार्य में हस्तक्षेप
नड्डा ने सांसद, विधायक और विधान पार्षदों को संगठन के काम में हस्तक्षेप नहीं करने की हिदायत दी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को जनता के बीच रहने और संवाद कायम करने की घुट्टी भी पिलाई।
बर्दाश्त नहीं की जाएगी जिम्मेदारी की अनदेखी
कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और संगठन से जुड़े पार्टी पदाधिकारियों के कामकाज की मॉनीटरिंग हो रही है। कोई यह मत समझे की जिम्मेदारी की अनदेखी बर्दाश्त की जाएगी। कार्यकर्ताओं की पूरी टीम निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठकर प्रदेश भर के चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी कर रही है। संगठन चुनाव में पार्टी वरिष्ठों के साथ युवाओं को भी मौका देगी।
मंडल अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष के लिए उम्र तय
पार्टी ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए 35-40 वर्ष की उम्र तय की है। इसी तरह जिलाध्यक्ष के लिए 50 वर्ष की उम्र तय की गई है।
अपने नेताओं को कसौटी पर कस रही पार्टी
अहम यह है कि बिहार उप चुनाव परिणाम से बीजेपी उत्साहित है। ऐसे में पार्टी के संगठन चुनाव के जरिये राज्य के विभिन्न नेताओं को इस कसौटी पर कसा जा रहा है। इस काम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अहम भूमिका निभा रहा है।
युवा नेताओं को सामने लाना सतत प्रक्रिया
दरअसल, पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले युवा व प्रभावी नेतृत्व उभारना चाहती है। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि नए नेतृत्व को सामने लाने का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि किसी नेता को हटाया जा रहा है या रिटायर किया जा रहा है। नए व युवा नेताओं को सामने लाना एक सतत प्रक्रिया है।