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Assam Election 2021: असम विधानसभा चुनाव के लिए अमित शाह और जेपी नड्डा की मौजूदगी में तय होगी सीटों की भागीदारी, बैठक शुरू

भाजपा समर्थित क्षेत्रीय निकाय पूर्वोत्तर डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर प्रमुख मुद्दों पर एजीपी यूपीपीएल और जीएसपी के साथ सहमति हुई है और बाकी मुद्दों पर दिल्ली की बैठक में चर्चा की जाएगी।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 04:22 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 08:28 PM (IST)
Assam Election 2021: असम विधानसभा चुनाव के लिए अमित शाह और जेपी नड्डा की मौजूदगी में तय होगी सीटों की भागीदारी, बैठक शुरू
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा

 गुवाहाटी, आइएएनएस। असम विधानसभा चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगियों एजीपी, यूपीपीएल और जीएसपी के बीच सीटों की शेयरिंग तय करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के वरिष्ठ नेता की उपस्थिति में दिल्ली में अंतिम रूप दिया जाएगा। बातचीत के लिए बुधवार देर शाम असम के मुख्‍यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और हिमंत बिस्वा सरमा अमित शाह के आवास पर पहुंच गए हैं। 

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पिछले साल दिसंबर में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के चुनावों के बाद भाजपा ने यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) के साथ गठबंधन किया और अपने पुराने सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) से अलग हो गई।

 भाजपा समर्थित क्षेत्रीय निकाय पूर्वोत्तर डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर प्रमुख मुद्दों पर एजीपी, यूपीपीएल और जीएसपी के साथ सहमति हुई है और बाकी मुद्दों पर दिल्ली की बैठक में चर्चा की जाएगी। सरमा के अलावा असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और पार्टी के अन्य नेता बुधवार और गुरुवार को होने वाली बैठकों में भाग लेंगे।

भाजपा ने 2016 में असम गण परिषद और बीपीएफ के साथ गठबंधन में पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था और 60 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनने के लिए सत्ता में आई थी, जबकि उसके सहयोगी दल एजीपी और बीपीएफ ने क्रमशः 14 और 12 सीटें जीती थी। सत्तारूढ़ गठबंधन को एक निर्दलीय विधायक का समर्थन प्राप्त है।

भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने पिछले विधानसभा चुनाव (2016) में कांग्रेस को 15 साल (2001-2016) के निर्विरोध शासन से हटा दिया था, जिसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई कर रहे थे, जिनकी पिछले साल मृत्यु हो गई थी। सत्तारूढ़ भाजपा और उसके नए सहयोगी यूपीपीएल और जीएसपी ने पिछले दिसंबर के चुनावों के बाद 40 सदस्यीय राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के शासन को संभाला। बीपीएफ रविवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाले सात पार्टियों के महागठबंधन में शामिल होने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा से संबंध तोड़ लिया था। 


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