असम के मंत्री हिमंता बिस्व सरमा को चुनाव आयोग का नोटिस, शुक्रवार तक मांगा जवाब, जानें वजह
Assam Assembly Election 2021 चुनाव आयोग ने असम के मंत्री एवं भाजपा नेता हिमंता बिस्व सरमा को विपक्षी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के नेता हग्रामा मोहिलरी को कथित तौर पर धमकाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। चुनाव आयोग ने असम के मंत्री एवं भाजपा नेता हिमंता बिस्व सरमा को विपक्षी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के नेता हग्रामा मोहिलरी को कथित तौर पर धमकाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मंत्री को शुक्रवार शाम पांच बजे तक जवाब देने को कहा गया है। कांग्रेस ने यह आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग का रुख किया था कि सरमा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) का दुरुपयोग कर मोहिलरी को जेल भेजने की धमकी दी है।
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है। आयोग ने नोटिस में कहा है कि प्रथम दृष्ट्या उसका मानना है कि सरमा ने आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रविधानों को उल्लंघन किया है। राज्य के चुनाव तंत्र द्वारा उपलब्ध कराए गए भाषण का प्रारूप का उल्लेख भी किया है। असम में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कराए जा रहे हैं। असम में तीसरे और अंतिम चरण का मतदान छह अप्रैल को कराया जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु में भी सख्त कार्रवाई की है। आयोग ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर द्रमुक नेता ए राजा के चुनाव प्रचार करने पर तत्काल प्रभाव से 48 घंटे के लिए रोक लगा दी है। आयोग ने राजा को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का दोषी पाने के कुछ घंटे बाद यह कदम उठाया है।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए राजा को फटकार लगाई और उनका नाम द्रमुक के स्टार प्रचारकों की सूची से भी हटा दिया। तमिलनाडु में एक ही चरण में छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए चुनाव प्रचार चार अप्रैल की शाम को समाप्त हो जाएगा। आयोग ने आदेश में राजा से चुनाव प्रचार के दौरान भविष्य में सतर्क रहने और असंयमित, अशोभनीय, अपमानजनक, अश्लील टिप्पणी नहीं करने को कहा है और साथ ही महिला की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाने की हिदायत दी है।