निश्चित रूप से केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्री हरदीप पुरी की ओर से दी गई यह जानकारी चौंकाने वाली थी कि दिल्ली में रह रहे रोहिंग्याओं को सभी सुविधाओं युक्त फ्लैट मिलेंगे। यह सूचना इसलिए हैरान करने वाली थी, क्योंकि अधिकतर रोहिंग्या घुसपैठ करके भारत में आए हैं और केंद्र सरकार की ओर से बार-बार यह कहा जाता रहा है कि उन्हें वापस भेजा जाएगा। यह अच्छा हुआ कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया कि रोहिंग्याओं के बारे में वैसा कोई फैसला नहीं लिया गया, जैसा कि हरदीप पुरी का ट्वीट कह रहा था, लेकिन इसकी तह तक जाने की आवश्यकता है कि यह गफलत हुई कैसे?

क्या यह सामंजस्य के अभाव के चलते हुआ? जो भी हो, केवल इससे संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को यह निर्देश दिया कि रोहिंग्याओं की बस्ती को डिटेंशन सेंटर घोषित किया जाए। आवश्यक यह है कि रोहिंग्याओं को वापस म्यांमार भेजने के लिए हरसंभव प्रयत्न किए जाएं।

इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि रोहिंग्या केवल दिल्ली में ही नहीं, देश के अन्य हिस्सों में भी रह रहे हैं। इससे भी चिंता की बात यह है कि उनकी घुसपैठ का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। कई ऐसे गिरोह हैं, जो उन्हें न केवल चोरी-छिपे भारत ला रहे हैं, बल्कि उन्हें देश के विभिन्न शहरों में बसाने का काम भी कर रहे हैं। इसी तरह कुछ गिरोह ऐसे भी हैं, जो उन्हें आधार कार्ड आदि से लैस कर रहे हैं। ऐसे कई रोहिंग्या पकड़े भी गए हैं, जिन्होंने आधार कार्ड हासिल कर लिए थे।

कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि किसी बड़े षड्यंत्र के तहत रोहिंग्याओं को भारत लाने और बसाने का काम हो रहा है। बांग्लादेश अथवा म्यांमार से पूर्वोत्तर भारत में घुसपैठ करने में सफल रोहिंग्या जिस तरह देश के दूसरे छोरों जम्मू और हैदराबाद तक में जाकर बस गए हैं, वह सहज-सामान्य नहीं। रोहिंग्या देश के कुछ ऐसे इलाकों में भी बस रहे हैं, जहां आबादी का संतुलन पहले से ही गड़बड़ाया हुआ है। केंद्र सरकार को यह देखना होगा कि आखिर वे कौन लोग हैं, जो रोहिंग्याओं को देश के विभिन्न शहरों में बसाने का काम कर रहे हैं?

इसका कोई औचित्य नहीं कि एक ओर तो रोहिंग्याओं को देश की सुरक्षा के लिए खतरा माना जाए और दूसरी ओर उनकी घुसपैठ का सिलसिला थमने न पाए। देश में जहां भी रोहिंग्या घुसपैठिये रह रहे हैं, वहां उनकी निगरानी होनी चाहिए। इसी तरह जैसे दिल्ली सरकार को उनकी बस्तियों को डिटेंशन सेंटर घोषित करने के निर्देश दिए गए, वैसे ही अन्य राज्य सरकारों को भी देने चाहिए।