सबसे ऊंची सतह पर बनी दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग केवल उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का नमूना ही नहीं, देश के दूर-दराज और साथ ही दुर्गम इलाकों में विकास के प्रति प्रतिबद्धता का भी पर्याय है। यह सुरंग केवल हिमाचल प्रदेश के लिए एक तोहफा ही नहीं, बल्कि देश की सामरिक जरूरतों की पूर्ति भी है। इस सुरंग के निर्माण से मनाली की लेह से दूरी भी कम हो जाएगी और जो सफर घंटों में पूरा होता था, वह अब मिनटों में पूरा होगा।

यह सुरंग केवल स्थानीय लोगों के जनजीवन को आसान बनाने का काम ही नहीं करेगी, बल्कि आर्थिक विकास को गति देने का आधार भी बनेगी। यह सुरंग कितनी उपयोगी है, इसका पता इससे चलता है कि यह करीब छह माह तक बर्फ की कैद में रहने वाले लाहौल-स्पीति के लोगों को एक बड़ी राहत तो देगी ही, चीन सीमा तक सैन्य वाहनों की पहुंच को भी आसान बनाएगी।

चीन की बदनीयती को देखते हुए सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले इस तरह के निर्माण कार्य बहुत पहले होने चाहिए थे, लेकिन किन्हीं कारणों से उन्हें प्राथमिकता नहीं दी गई। कम से कम अब तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसे निर्माण कार्य बिना किसी विलंब के हों। चीन से लगती सीमा पर चौकसी के साथ वहां सेना की पहुंच आसान करने वाले निर्माण कार्यो को गति दिया जाना तो आज की सबसे बड़ी जरूरत है।

यह अच्छा है कि हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के साथ उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में सामरिक महत्व की परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि ऐसी कुछ परियोजनाएं देरी का शिकार भी बनती रही हैं। मनाली-लेह राजमार्ग पर सुरंग के निर्माण की जरूरत एक लंबे अर्से से जताई जा रही थी।

आखिरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसकी घोषणा की। यह घोषणा वर्ष 2000 में की गई। इसके दस वर्ष बाद मनमोहन सरकार के समय 2010 में इस सुरंग के निर्माण की आधारशिला रखी गई। एक तरह से एक जरूरी परियोजना को आकार लेने में दो दशक का समय लग गया।

भविष्य में ऐसा न होने पाए, इस बारे में उपाय करने की जरूरत है-इसलिए और भी, क्योंकि जब आर्थिक विकास और साथ ही सामरिक महत्व की परियोजनाओं के निर्माण में देरी होती है तो उनकी लागत तो बढ़ती ही है, स्थानीय लोगों में निराशा का भाव भी घर करता है। चूंकि अटल सुरंग का निर्माण करने वाले बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन यानी बीआरओ ने यह साबित कर दिखाया कि वह हर तरह के चुनौतीपूर्ण कार्यो को पूरा करने में सक्षम है इसलिए उसकी भूमिका की भी सराहना होनी चाहिए।