कोरोना वायरस का संक्रमण जिस तेजी से बढ़ रहा है उससे वह बेलगाम होता दिखने लगा है। एक ओर जहां देश के कुछ हिस्सों में सामुदायिक स्तर पर संक्रमण फैलने लगा है वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में भी उसकी पहुंच बढ़ रही है। कुछ दिनों पहले तक प्रतिदिन 35-40 हजार कोरोना मरीज सामने आ रहे थे। अब उनकी संख्या 45 हजार के आंकड़े को पार कर गई है।

क्या देश उस दिशा में बढ़ रहा है जब हर दिन कोरोना के नए मरीजों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर जाएगी? इस बारे में कुछ कहना कठिन है, लेकिन इससे बचने के साथ ही हालात का सामना करने की भी तैयारी की जानी चाहिए।

इस मामले में सबसे ज्यादा चौकसी राज्य सरकारों के स्वास्थ्य तंत्र को दिखानी होगी। केवल लॉकडाउन का सहारा लेने से बात बनने वाली नहीं है। जो राज्य संदिग्ध कोरोना मरीजों की पहचान करने के साथ उन्हें अलग-थलग करने और उनका समुचित उपचार करने में जितना सक्षम होगा वह कोरोना पर लगाम लगाने में उतना ही कामयाब होगा। बेहतर होगा कि राज्य सरकारें दिल्ली से सबक सीखें। यदि दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर लगाम लगाई जा सकती है तो फिर अन्य राज्यों में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता?

केंद्र सरकार को चाहिए कि वह राज्यों को उन तौर-तरीकों से परिचित कराए जिनका सहारा दिल्ली में लिया गया और जिनके बेहतर नतीजे सामने आए। दिल्ली ने यह भी उम्मीद जगाई है कि सामूहिक स्तर पर पैदा रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी हर्ड इम्युनिटी कोरोना के कहर को थामने में मददगार हो सकती है।

एक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार दिल्ली की एक चौथाई आबादी कोरोना वायरस की चपेट में आई और अपने आप ठीक भी हो गई। जाहिर है यह वह आबादी थी जिसमें कोरोना के लक्षण नहीं उभरे। इस तरह के सर्वेक्षण अन्य जगहों और खासकर उन शहरों में भी होने चाहिए जहां कोरोना मरीजों की संख्या अच्छी-खासी है। ऐसे सर्वेक्षण सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने और उसके कारगर साबित होने को सुनिश्चित करने का काम करेंगे। उनके जरिये यह भी जाना जा सकता है कि आने वाले समय में कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति बनेगी?

इससे राज्यों को अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में मदद मिलेगी। चूंकि अभी यह पूरी तौर पर स्पष्ट नहीं कि सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने के मामले में दिल्ली जैसी स्थिति शेष देश में भी बनेगी या नहीं इसलिए आम लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।  लोगों को यह समझना होगा कि कोरोना वायरस का संक्रमण इसीलिए तेजी से फैल रहा, क्योंकि अपेक्षित सावधानी का परिचय नहीं दिया जा रहा।