पंजाब के गुरुद्वारों में 24 घंटों के भीतर बेअदबी के दो मामले सामने आना गंभीर चिंता की बात है। एक ऐसे समय जब राज्य चुनाव के मुहाने पर खड़ा है तब इस तरह की घटनाएं होना और भी चिंताजनक है। चूंकि ऐसी घटनाएं पंजाब के माहौल को बिगाड़ने वाली साबित हो सकती हैं इसलिए उनकी गहन जांच होनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि लोगों की भावनाओं को भड़काने और सामाजिक सद्भाव को क्षति पहुंचाने वाली ये घटनाएं किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा तो नहीं? पंजाब में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि उनकी तह तक क्यों नहीं जाया जा सका? कम से कम अब तो यह सुनिश्चित किया ही जाना चाहिए कि इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही हैं और उनके लिए कौन जिम्मेदार है? इसी के साथ ऐसे प्रबंध भी किए जाने चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

राज्य के सांप्रदायिक वातावरण को क्षति पहुंचाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्ती दिखाने की आवश्यकता है। पंजाब सरकार को ऐसे तत्वों के दुस्साहस पर लगाम लगानी ही होगी। यह अच्छी बात है कि सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने गुरुद्वारों में बेअदबी की घटनाओं की कड़े स्वर में निंदा करने के साथ ही उनकी गहन जांच करने की मांग की है, लेकिन इसी के साथ यह सवाल भी उठना चाहिए कि आखिर बेअदबी के आरोपितों को पुलिस के हवाले क्यों नहीं किया गया?

यदि अमृतसर और कपूरथला जैसी घटनाएं होंगी तो विधि के शासन का तो उपहास उड़ेगा ही, देश-दुनिया में कई तरह के सवाल भी उठेंगे, जिनका जवाब देना कठिन होगा। बेअदबी या फिर किसी अन्य अपराध के आरोपितों को खुद सजा देने के बजाय उन्हें पुलिस के हवाले किया जाना चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द कठोर सजा देने की मांग होनी चाहिए। पुलिस और सरकार को इस मांग को पूरा करने के लिए न केवल तत्पर होना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए।

नि:संदेह बेअदबी की किसी घटना से लोगों का आक्रोशित होना समझ में आता है, लेकिन उन्हें संयम का परिचय देना चाहिए। यह शुभ संकेत नहीं कि पिछले कुछ समय में पंजाब में बेअदबी के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस खतरनाक सिलसिले को रोकना होगा। इसी के साथ समाज और सरकार को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि बेअदबी के आरोपितों को कानूनसम्मत तरीके से सजा मिले। न्याय, नियम, धर्म इसी जरूरत को रेखांकित करते हैं। यह समय की मांग है कि पंजाब सरकार यह देखे कि जो कुछ अमृतसर और फिर कपूरथला में हुआ वह आगे न होने पाए।