राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की स्थिति बेहद खराब और दुखद है। वह भी ऐसे समय में जब राज्य सरकार ये दावा कर रही है कि उसने शिक्षा के बजट को दोगुना कर दिया है और सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों के टक्कर का बनाया जाएगा। हालत यह है कि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छठी क्लास के छात्र किताब भी नहीं पढ़ पाते हैं। शिक्षा निदेशालय के सर्वे में आईं ये बातें भले ही उसे और सरकार को चौंकातीं हो लेकिन देश के लोगों के लिए ये शर्म का विषय है। जिस राजधानी को हम उच्च स्तरीय, पढ़ी-लिखी और सुसज्जित मानते हैं वहां के स्कूलों में भविष्य को बर्बाद किया जा रहा है। यह सिर्फ दिल्ली का नहीं बल्कि पूरे देश का नुकसान है।

राजधानी के सरकारी स्कूलों में कक्षा छह में पढऩे वाले बच्चों के बीच हुए सर्वे से पता चलता है कि उन्हें हिंदी के पैराग्राफ नहीं पढऩे आते और अंक नहीं पहचानने नहीं आते। ये बताता है कि उन्हें किस स्तर की पढ़ाई दी जा रही है। ये साफ बताता है कि उनको दी जा रही पढ़ाई के स्तर में तो समस्या है ही, साथ ही पूरी की पूरी कार्ययोजना ही ध्वस्त है। ये तो कैंसर से ज्यादा गंभीर बीमारी है क्योंकि पढ़ाई के लिए सबसे जरूरी समय नर्सरी से आठवीं क्लास तक का होता है। ये वह समय है जब बच्चों का आधार मजबूत किया जाता है लेकिन यहां पता चलता है कि उनका आधार ही कमजोर है। इस समस्या को स्थायी तौर पर खत्म करने की जरूरत है क्योंकि अगर इसको खत्म नहीं किया गया तो स्थितियां बेहद दुरूह हो जाएंगी। सबसे बड़ी बात है कि इसको लेकर राजनीतिक फायदे वाली योजनाएं नहीं बननी चाहिए कि जिससे सरकार को सिर्फ प्रचार मिले लेकिन कोई बच्चों का कोई फायदा नहीं हो। एक तरीके से अगर देखा जाए तो राजधानी के सरकारी स्कूलों की पढ़ाई व्यवस्था चरमराई हुई नजर आती है और इसके लिए स्थायी उपायों की दरकार है। राज्य सरकार को सबसे पहले तो गेस्ट टीचर और ठेके के टीचरों से पढ़ाई का काम बंद करवाना चाहिए क्योंकि प्रति दिन भुगतान पर काम करने वाले टीचरों का बच्चों से वह संबंध नहीं बन पाता। यही नहीं वह पढ़ाने में पूरा ध्यान नहीं देते क्योंकि उन्हें पता होता है कि उन्हें कभी भी निकाला जा सकता है। इनकी जगह स्थायी टीचरों की भर्ती होनी चाहिए। इसके अलावा टीचरों से बच्चों की मासिक रिपोर्ट भी ली जानी चाहिए जाए जिससे पता चले कि उनकी वजह से बच्चों की पढ़ाई का स्तर कितना बढ़ा।

[ स्थानीय संपादकीय : दिल्ली ]