केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को विभिन्न शहरों में रुके-थमे कामगारों के साथ पर्यटकों और छात्रों को कुछ शर्तों के साथ उनके घर-गांव ले जाने की अनुमति देकर लाखों लोगों को एक बड़ी राहत दी है। ऐसे किसी फैसले की प्रतीक्षा ही की जा रही थी, क्योंकि कई जगह कामगार बेचैन हो रहे थे और कहीं-कहीं तो वे यह मांग भी कर रहे थे कि उन्हेंं उनके घर-गांव जाने दिया जाए। इनमें से कुछ तो लॉकडाउन के चलते कोई काम न होने के कारण अपने घर लौटना चाह रहे थे और कुछ फसल कटाई का काम करने के लिए। एक बड़ी संख्या में ऐसे भी कामगार थे जो भावनात्मक संबल के लिए अपने घर-गांव जाना चाह रहे थे।

चूंकि कुछ राज्यों ने अपने यहां के मजदूरों, छात्रों को लाना शुरू कर दिया था इसलिए दूसरे राज्यों पर भी ऐसा ही करने के लिए दबाव पड़ रहा था। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कामगारों, छात्रों आदि को लाने-ले जाने के मामले में राज्य सरकारों को कुछ मानकों का पालन करने को कहा है, लेकिन उसे इस पर निगाह रखनी चाहिए कि इन मानकों का पालन वास्तव में हो। न केवल यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कामगारों, छात्रों के रजिस्ट्रेशन के साथ उनका स्वास्थ्य परीक्षण उचित तरीके से हो, बल्कि यह भी कि वे क्वारंटाइन अवधि का पालन सही तरह करें। इसमें थोड़ी सी भी असावधानी ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के प्रसार का कारण बन सकती है।

ध्यान रहे कि अभी तक ग्रामीण इलाके संक्रमण से बचे हुए हैं। हालांकि अपने घर-गांव लौटे लोगों की निगरानी आरोग्य सेतु एप के जरिये आसानी से हो सकती है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जो इस एप से लैस न हों। यदि राज्य सरकारें बेहतर तालमेल कर सकें तो एक राज्य से कामगारों को ले जाने वाली बसें लौटते हुए दूसरे राज्य के कामगारों को अपने यहां या फिर बीच के किसी राज्य ला सकती हैं।

जो भी हो, केंद्र और राज्य सरकारों को इसकी भी चिंता करनी होगी कि अपने-अपने ठिकानों पर लौटने वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट न खड़ा होने पाए। इसी तरह उन्हेंं यह भी देखना होगा कि कारोबारी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की तैयारी में कामगारों की कमी बाधक न बनने पाए। यह एक तरह का विरोधाभास ही है कि एक ओर कारोबारी गतिविधियां शुरू करने की तैयारी हो रही है और दूसरी ओर कामगारों को उनके गांव-घर पहुंचाने की। सरकारों को इसका आभास होना चाहिए कि जल्द ही इन कामगारों को वापस उनके कार्यस्थलों में पहुंचाने की आवश्यकता पड़ सकती है। इस आवश्यकता की भी कोई रूपरेखा बना ली जाए तो बेहतर।