भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री मोदी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश में राहुल गांधी की ओर से यह नया नारा उछाला जाना हैरान नहीं करता कि कुछ नहीं सब झूठा है, नरेंद्र मोदी ने लूटा है। इस नए नारे पर हैरानी इसलिए नहीं, क्योंकि चौकीदार चोर है का नारा भी उनकी ही देन है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष को प्रधानमंत्री को केवल चौकीदार चोर है कहने से संतोष नहीं और इसीलिए अब वह उन्हें लूटने वाला भी बताना चाहते हैं।

पता नहीं इससे राहुल गांधी या फिर कांग्रेस को कुछ राजनीतिक और चुनावी लाभ मिलेगा या नहीं, लेकिन यह ठीक नहीं कि कांग्रेस की भाषा में लगातार गिरावट आती चली जा रही है। विडंबना यह है कि भाषा में गिरावट का सबसे ज्यादा परिचय खुद राहुल गांधी ही दे रहे हैं। यह सहज ही समझा जा सकता है कि कांग्रेस के अन्य नेता और अधिक बेलगाम ही होंगे।

राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उद्योगपति अनिल अंबानी पर भी लगातार निशाना साध रहे हैं। वह केवल निशाना ही नहीं साध रहे हैं, बल्कि राफेल सौदे में तथाकथित गड़बड़ी का जिक्र करते हुए उन्हें बदनाम भी करने में लगे हुए हैं। यह तब है जब सुप्रीम कोर्ट ने यह पाया था कि ऐसे कोई सुबूत नहीं कि राफेल सौदे के तहत अनिल अंबानी को कोई अनुचित लाभ मिला है। राफेल विमान बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी ने भी अनिल अंबानी को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोपों का बार-बार खंडन किया है, लेकिन राहुल गांधी पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।

यह समझ आता है कि कांग्रेस अध्यक्ष अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमले करें, लेकिन आखिर बिना किसी सुबूत अनिल अंबानी पर तोहमत मढ़ने का क्या मतलब? राहुल गांधी उन्हें जिस तरह बदनाम कर रहे हैं उससे तो यही लगता है कि वह उनके प्रति अपनी कोई खुन्नस निकाल रहे हैं। आखिर यह खुन्नस नहीं तो और क्या है कि अब वह यहां तक कह रहे हैं कि कांग्रेस न्याय नामक अपनी योजना के लिए धन का इंतजाम अनिल अंबानी जैसे लुटेरों के पैसे से करेगी। यह गैर जिम्मेदाराना बयान इसका भी परिचायक है कि राहुल अपनी इस चर्चित योजना को लेकर गंभीर नहीं।

क्या यह अजीब नहीं कि राहुल उन अनिल अंबानी को तो चोर-लुटेरा कहकर बेइज्जत कर रहे हैं जिनके खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ है, लेकिन उन उद्यमियों का नाम लेना जरूरी नहीं समझ रहे जिन्होंने मनमोहन सरकार के समय घपले-घोटाले किए अथवा बैंकों से अनुचित तरीके से कर्ज लेकर हड़प कर गए? आज अगर देश के तमाम बैंक एनपीए की समस्या से जूझ रहे हैं तो इसका एक बड़ा कारण वे उद्योगपति हैं जिन्हें गलत तरीके से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज मिला।

राहुल किन्हीं अज्ञात कारणों अथवा अपनी किसी खुन्नस के चलते अनिल अंबानी पर अपना नजला गिराते रह सकते हैं, लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष को यह शोभा नहीं देता कि वह इस तरह किसी उद्योगपति पर लांछन लगाए। शायद वह इसका लाभ उठा रहे हैं कि अनिल अंबानी नेता नहीं और वह उनके आरोपों का जवाब उनकी भाषा में नहीं दे सकते।