हिंदू नेताओं की हत्या के पीछे जैसी साजिश सामने आई है, वह चिंतित करने वाली है और इसे नाकाम करने के लिए हर स्तर पर सतर्कता बेहद जरूरी है।

पंजाब में विगत दो साल में छह हिंदू नेताओं व एक पादरी की हत्या के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के खुलासे ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पड़ोसी देश अपनी हरकतों से बाज आने वाला नहीं है। गत दिवस मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने बताया कि पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने प्रदेश में सांप्रदायिक ङ्क्षहसा फैलाने के मकसद से ये हत्याएं करवाई थीं। दुख और हैरत की बात यह है कि आइएसआइ की इस साजिश को सिरे चढ़ाने में प्रदेश में ही छिपी बैठी कुछ काली भेड़ों ने मदद की। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से दो लंबे समय से इंग्लैंड में रह रहे थे। यह भी रहस्योद्घाटन किया गया है कि कई देशों में यह साजिश रची गई कि कैसे पंजाब में सांप्रदायिक ङ्क्षहसा फैलाकर शांति व्यवस्था को भंग किया जाए। इसके लिए प्रदेश में बैठे गैंगस्टर्स व अन्य देशों में रह रहे गर्मख्यालियों के साथ मिलकर हिंदू नेताओं की हत्या की योजना बनाई गई। यह भी चिंता का विषय है कि हत्यारों को हथियार पहुंचाने का काम उस अपराधी ने किया जो नाभा जेल में बंद है। इससे जेलों की हालत का भी पता चलता है और इस बात की पुष्टि भी होती है कि प्रदेश की जेलों में कैदियों के लिए सब कुछ उपलब्ध है और कई अपराधी जेल के अंदर से ही अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। वह तो भला हो प्रदेश की जनता का, जिसने हर बार पड़ोसी देश, उसकी खुफिया एजेंसी और प्रदेश में बैठे देशद्रोहियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। प्रदेश की जनता ने अशांति की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है और सभी लोग इसका मूल्य भलीभांति समझते हैं। कदाचित यही कारण है कि विषम परिस्थितियों में लोग अपना धैर्य नहीं खोते। अब आवश्यकता इस बात की है कि प्रदेश सरकार कानून व सुरक्षा व्यवस्था को इस कदर चाकचौबंद बनाए कि कोई भी अपराधी अपने मंसूबों में कामयाब न हो सके। प्रदेश सरकार ने हाल ही में पकोका जैसा कानून लाने की बात की है। प्रदेश के हालात को देखते हुए ऐसे कानून की आवश्यकता महसूस की जा रही है और उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रदेश सरकार इसे बहुत जल्द अमलीजामा पहना देगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश की जनता, पुलिस और सभी सुरक्षा एजेंसियों को चाहिए कि और चौकसी बरतें ताकि अपराधियों व देशद्रोहियों के मंसूबे कामयाब न हो सकें।

[ स्थानीय संपादकीय: पंजाब ]