चीन से आए कोरोना वायरस से उपजी महामारी कोविड-19 का कहर भले ही कुछ थमता दिख रहा हो, लेकिन फिलहाल ऐसे संकेत नहीं कि उस पर लगाम कब लगेगी। जब तक ऐसे संकेत नहीं मिल जाते, तब तक किसी भी स्तर पर ढिलाई के लिए कहीं कोई गुंजाइश नहीं। केंद्र और राज्य सरकारों के साथ उनकी विभिन्न एजेंसियों को जितनी सतर्कता बरतने की जरूरत है, उतनी ही आम लोगों को भी।

यह ठीक नहीं कि लॉकडाउन में छूट के साथ लोगों की लापरवाही भी बढ़ती दिख रही है। जब हर दिन 80-85 हजार लोग संक्रमित हो रहे हों, तब फिर इसका कोई औचित्य नहीं कि सावर्जनिक स्थलों पर एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाने और मास्क का सही ढंग से उपयोग करने में लापरवाही दिखाई जाए।

यह लापरवाही उन प्रयासों पर पानी फेरने का ही काम कर रही है, जिसके तहत राज्य सरकारें अधिक से अधिक लोगों का कोरोना परीक्षण कर रही हैं। ऐसा लगता है कि इस लापरवाही के मूल में ऐसे आंकड़े सामने आना है कि प्रतिदिन संक्रमित होने वालों की संख्या में कुछ कमी आई है और संक्रमण की चपेट में आए मरीजों के ठीक होने की दर भी बढ़कर 80 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

ऐसे आंकड़े यह उम्मीद तो जगाते हैं कि आखिरकार कोरोना परास्त होगा, लेकिन इसके बावजूद इस सच की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए कि संक्रमित मरीज काल के गाल में भी समा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि इनमें सभी आयु वर्ग के लोग हैं। तमाम सावधानी बरतने वाले लोग भी संक्रमित हो जा रहे हैं और उनमें कुछ उबर भी नहीं पा रहे हैं।

इस तथ्य को एक क्षण के लिए भी ओझल नहीं किया जाना चाहिए कि प्रतिदिन करीब एक हजार लोग महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ रहे हैं। अभी तक 91 हजार लोगों की मौत का आंकड़ा तो सतर्कता के स्तर को बढ़ाने वाला होना चाहिए। यह स्तर उन राज्यों में खास तौर पर बढ़ना चाहिए, जहां कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

गत दिवस प्रधानमंत्री ने कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित सात राज्यों के हालात की समीक्षा करते हुए यह इंगित किया कि इन राज्यों के 60 जिले चिंता का बड़ा कारण हैं। उचित होगा कि इन 60 जिलों में कोरोना के संक्रमण को थामने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं। इसी के साथ शेष देश में भी सतर्कता स्तर बढ़ाने और संदिग्ध संक्रमित मरीजों की पहचान करने की भी जरूरत है, क्योंकि कोरोना अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है। नि:संदेह कोरोना से डरने की जरूरत नहीं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि सतर्कता बरतनी छोड़ दी जाए।