कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए यदि नित-नए उपाय करने पड़ रहे हैं और इस क्रम में प्रतिबंधों का दायरा भी बढ़ाना पड़ रहा है तो इसीलिए कि अभी हालात काबू में आते नहीं दिखते। वास्तव में इसीलिए देश के करीब 80 जिलों को लॉकडाउन करना पड़ा। लॉकडाउन में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी सब गतिविधियां बंद कर दी जाती हैं, लेकिन लोगों पर वैसी सख्ती नहीं की जाती जैसी कफ्र्यू के दौरान बरती जाती है। चूंकि लॉकडाउन के दौरान अपेक्षित बंधनों का उल्लंघन होते दिखा इसीलिए महाराष्ट्र, पंजाब आदि ने कर्फ्यू लगाने का फैसला किया। ऐसे फैसले अन्य राज्य सरकारों को भी करने पड़ सकते हैं, क्योंकि कई लोग हालात की गंभीरता को समझने से इन्कार कर रहे हैं। ऐसा करने वाले खुद के साथ देश को भी जोखिम में डालने का काम कर रहे हैं। उन्हें ऐसा करने की इजाजत बिल्कुल भी नहीं दी जा सकती। 

जब एक तरह से जीवन-मरण का प्रश्न खड़ा हो गया है तब केंद्र और राज्य सरकारों के साथ स्थानीय प्रशासन को हालात काबू में करने के लिए जो कुछ भी संभव है उसे तत्परता से करना चाहिए। अब किसी भी तरह की ढिलाई के लिए कोई गुंजाइश नहीं रह गई है। जरूरी फैसले बिना समय गंवाए लेना भी है और उन पर अमल भी करना है। जहां लोगों को यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें हर स्तर पर शासन-प्रशासन का सहयोग करना है वहीं शासन-प्रशासन को भी अभीष्ट की पूर्ति के लिए सदैव तत्पर रहना है।

केंद्र और राज्य सरकारों के सामने चुनौती केवल यही नहीं है कि लोग सामाजिक रूप से अलग-थलग रहते हुए अपने घरों पर रहें, बल्कि यह भी है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान और साथ ही उनका उपचार समय रहते किया जा सके। कोरोना वायरस के जो भी संदिग्ध मरीज आवश्यक सर्तकता का परिचय देने अथवा उपचार कराने में आनाकानी कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्ती बरतने में संकोच नहीं किया चाहिए। नि:संदेह इसी के साथ इसकी भी आवश्यकता बढ़ती जा रही है कि सरकारी और निजी स्वास्थ्य सेवाएं संसाधनों की कमी का सामना न करने पाएं।

कोरोना वायरस की परीक्षण किट से लेकर वेंटिलेटर्स तक की कहीं कोई कमी न होने पाए, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ उद्योग जगत को भी सक्रिय होना होगा। यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री से मुलाकात में उद्योगपतियों ने सरकार का साथ देने की हामी भरी। इससे न केवल सरकारी तंत्र, बल्कि आम जनता का भी मनोबल बढ़ेगा। संकट के समय यह जरूरी है कि जिन्हें मदद करनी है और जिन तक मदद पहुंचानी है उन सबका मनोबल बढ़ा रहे।