जम्मू रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए लगाए जा रहे एस्केलेटर सैलानियों के लिए राहत भरा होगा। जम्मू में हर साल लाखों श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आते हैं। स्वचालित सीढिय़ां यानि एस्केलेटर नहीं होने से स्टेशन पर आने वाले बुजुर्ग यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। कई बार यात्रियों को कंधे पर बिठा कर लोग एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक ले जाते थे। बुजुर्ग यात्रियों के लिए व्हील चेयर भी कम पड़ जाती थी। जम्मू रेलवे स्टेशन में अब एस्केलेटर लगकर तैयार हो गया है। इसे ट्रायल के बाद यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। यह अच्छी बात है कि रेलवे स्टेशन पर आठ एस्केलेटर लगाए जाएंगे, जिससे जम्मू के लोगों की चिरप्रतीक्षित मांग पूरी हो जाएगी। यही नहीं, जम्मू रेलवे स्टेशन को मॉडर्न रेलवे स्टेशन बनाने की राह भी हमवार हो जाएगी। विडंबना यह है कि जम्मू रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण का काम काफी समय से लटका हुआ है। 1970 के दशक में जम्मू शेष देश से रेलमार्ग से जुड़ा था। उस समय रेलवे स्टेशन में तीन प्लेटफार्म थे, लेकिन साढ़े चार दशक से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी इसका विस्तारीकरण न हो पाना रेल मंत्रालय की ढुलमुल रवैये को दर्शाता है।

जम्मू को आधुनिक रेलवे स्टेशन बनाने की घोषणा वर्ष 2007 में तत्कालीन रेलमंत्री ममता बनर्जी ने की थी, लेकिन लंबा अर्सा बीत जाने के बाद भी इस योजना को अमलीजामा न पहनाया गया। जम्मू रेलवे स्टेश्न में पर्याप्त प्लेटफार्म न होने से अक्सर ट्रेनें आउटर पर खड़ी रहती हैं। जम्मू रेलवे स्टेशन हमेशा से ही आतंकियों की नजर में रहा है। स्टेशन पर अब तक दो आंतकी हमले हो चुके हैं। स्टेशन की सुरक्षा को लेकर इसके इर्दगिर्द चारदीवारी तक नहीं बनाई गई, जिससे इसकी सुरक्षा हमेशा ही खतरे में रही है। रेल मंत्रालय को चाहिए कि रेलवे स्टेशन की सुरक्षा प्रबंधों को पुख्ता बनाए। स्टेशन परिसर में बने विभिन्न तेल डिपुओं को शिफ्ट नहीं किए जाने से भी रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण नहीं हो पा रहा है। इसके लिए बजालता रेलवे स्टेशन में जगह की पहचान भी कर ली गई है, लेकिन इनको शिफ्ट नहीं करने की वजह से विस्तारीकरण में देरी हो रही है। रेलवे मंत्रालय को चाहिए कि इस परियोजना में विलंब न करे क्योंकि इससे स्टेशन पर यात्रियों को सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी।

[ स्थानीय संपादकीय: जम्मू-कश्मीर ]