तब्लीगी जमात की आपराधिक लापरवाही के कारण देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या किस कदर बढ़ी, इसका एक प्रमाण यह आंकड़ा भी है कि करीब आठ दिन में कोरोना मरीजों की संख्या दोगुना होने का सिलसिला चार दिन में होने लगा है। इस तथ्य के सामने आने के बाद तब्लीगी जमात का बचाव करने वालों की आंखें खुल जाएं तो बेहतर, क्योंकि वे अभी भी किंतु-परंतु की आड़ लेकर उनकी तरफदारी करने में लगे हुए हैं। इसी के साथ यह भी सामने आ रहा है कि तब्लीगी जमात से जुड़े संदिग्ध कोरोना मरीज स्वास्थ्यकर्मियों से सहयोग करने में आनाकानी कर रहे हैं। यह आनकानी एक प्रकार से समाज और राष्ट्रद्रोह ही है।

यह राहत की बात अवश्य है कि तब्लीगी जमात की गैर-जिम्मेदाराना हरकत के बाद भी कोरोना संकट काबू में बताया जा रहा है, लेकिन यह समय सतत चौकसी बरतने और कोरोना के संदिग्ध मरीजों की तलाश करने का अभियान तेज करने का है। दुनिया के तमाम देशों और खासकर इटली, स्पेन, अमेरिका, ब्रिटेन आदि में हालात जिस तरह बेकाबू होते जा रहे हैं उसका सबक यही है कि जिंदगी बचाने की इस जंग में सब कुछ झोंक देने की जरूरत अभी भी बनी हुई है। लोगों के बीच यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि कोरोना की जंग आसान हो गई है। आज का सच तो यही है कि कोरोना के खिलाफ वह लड़ाई अभी जारी है जिसे तब्लीगी जमात ने और कठिन बना दिया है। शायद इसी कारण कैबिनेट सचिव ने जिला स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की रणनीति तैयार करने को कहा है। राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह रणनीति कारगर साबित हो। इसी के साथ यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य तंत्र संसाधनों के अभाव का सामना न करने पाए।

नि:संदेह पहले से ही कमजोर स्वास्थ्य तंत्र को उसकी जरूरत भर के संसाधन उपलब्ध कराना एक कठिन काम है, लेकिन उसे आसान बनाने के हरसंभव कदम उठाने के अलावा और कोई उपाय नहीं। चूंकि अब इसकी जरूरत जता दी गई है कि सभी को मास्क पहनने की आवश्यकता है तब फिर यह भी देखा जाना चाहिए कि वे आम जनता को सहज उपलब्ध हों। जरूरत इसकी भी है कि लोग परेशानी का सामना करते हुए धैर्य बनाए रखें।

संयम और अनुशासन का परिचय देना अब हमारी आदत का एक हिस्सा बनना चाहिए, क्योंकि एक तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी सार्वजनिक मेल-मिलाप से परहेज करने की जरूरत होगी और दूसरे, यह भी एक यथार्थ है कि हमें अभी अर्से तक कोरोना के साये में ही जीना होगा।