पंजाब शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा बोर्ड ने गत दिवस 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए सेल्फ सेंटर खत्म करने घोषणा की है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि यह कदम परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए उठाया गया है। दरअसल शिक्षा विभाग के पास शिकायत आई थी कि स्कूल अपने यहां का रिजल्ट बेहतर बनाने के लिए परीक्षार्थियों को नकल में छूट प्रदान करते रहे हैं। शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा बोर्ड का मानना है कि दूसरी जगह परीक्षा केंद्र होने से इस प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। प्रदेश में 10वीं की परीक्षा में इस बार 4.05 लाख और 12वीं में 3.37 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। इसके लिए 2707 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।

शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सेल्फ सेंटर खत्म करने की घोषणा के साथ परीक्षा खत्म होने के 15 दिनों के अंदर परिणाम घोषित करने का भी फैसला लिया है। इसके लिए परीक्षाओं के साथ-साथ मूल्यांकन भी शुरू करने की व्यवस्था का दावा किया गया है। सरकार के इस फैसले का कुछ शिक्षक और निजी स्कूल संगठन विरोध करते हुए बच्चों की असुविधा का तर्क दे रहे हैं। शिक्षा विभाग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी परीक्षा केंद्र पांच से सात किलोमीटर से दूर नहीं बनाया गया है, इसलिए असुविधा का सवाल ही नहीं पैदा होता है। इस फैसले का विरोध इस बात का संकेत है कि सरकार को मिली शिकायत सही है। नकल मुक्त परीक्षा के लिए सरकार का फैसला सराहनीय है। सरकार को चाहिए कि इस फैसले को सख्ती से लागू करे। इसके लिए किसी दबाव में आने की जरूरत नहीं है।

[ स्थानीय संपादकीय: पंजाब ]