स्वाधीनता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से दिए जाने वाले प्रधानमंत्री के संबोधन का विशेष महत्व होता है तो इसीलिए कि उसमें उपलब्धियों और चुनौतियों की चर्चा के साथ देश की भावी दिशा पर भी प्रकाश डाला जाता है। इस सबके अतिरिक्त कुछ बड़े लक्ष्य हासिल करने को लेकर प्रतिबद्धता भी व्यक्त की जाती है और विश्व समुदाय को भी संदेश दिया जाता है। प्रधानमंत्री की ओर से कोरोना संकट की चर्चा करना तो आवश्यक ही था, लेकिन विशेष उल्लेखनीय यह है कि उन्होंने देश-दुनिया का ध्यान चीन की ओर से पेश की गई चुनौती की ओर भी आकृष्ट किया। इसका सीधा मतलब है कि उनके नेतृत्व में भारत चीन के कुटिल और विस्तारवादी रवैये की एक क्षण के लिए भी अनदेखी करने को तैयार नहीं। यह संभव भी नहीं, क्योंकि आज का भारत भीतर-बाहर की चुनौतियों का सामना करने के लिए कहीं अधिक संकल्पबद्ध है। यह संकल्पबद्धता प्रधानमंत्री के संबोधन में रेखांकित भी हुई।

उन्होंने जिस तरह आत्मनिर्भर भारत का बार-बार जिक्र किया उससे यही स्पष्ट होता है कि उन्होंने नए भारत के निर्माण का जो खाका खींचा है उससे देश की जनता को भली तरह परिचित कराना चाहते हैं। शायद इसी कारण उन्होंने अपनी सरकार की ओर से अब तक किए गए कार्यों का विवरण भी पेश किया और अपने उसे वादे को भी रेखांकित किया जिसके तहत पिछले साल लाल किले की प्राचीर से उन्होंने कहा था कि यदि पिछले पांच साल देश की अपेक्षाओं के लिए थे तो आने वाले पांच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होंगे। बीता एक साल इसका गवाह है कि मोदी सरकार जो कहती है वह करती भी है।

इस बार प्रधानमंत्री ने डिजिटल हेल्थ मिशन शुरू करने की बड़ी घोषणा की। आयुष्मान योजना के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने वाला यह एक बड़ा अभियान है। इस अभियान के तहत देश के हर नागरिक को एक विशेष पहचान पत्र दिया जाएगा। ऐसा ही एक लक्ष्य आने वाले एक हजार दिन में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का दिखाया गया।

चूंकि प्रधानमंत्री ने इस लक्ष्य को पाने की अवधि भी तय कर दी है इसलिए यह कहा जा सकता है कि वह उसे पूरा करने को लेकर आश्वस्त हैं। इस लक्ष्य के तय अवधि में पूरे होने को लेकर इसलिए सुनिश्चित हुआ जा सकता है, क्योंकि मोदी सरकार अपनी कई योजनाओं के मामले में ऐसा करके दिखा चुकी है। लाल किले से प्रधानमंत्री का संबोधन यह भी नए सिरे से बता गया कि वह देश की हर छोटी-बड़ी समस्या से न केवल अवगत हैं, बल्कि उसका समाधान करने को भी तैयार हैं।