[ नरेंद्र सिंह तोमर ]: अपने जीवन के 71 वर्ष में पदार्पण कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकप्रियता के शिखर पर आसीन हैं। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान प्रधानमंत्री के रूप में उनके खाते में अनेक विशिष्ट उपलब्धियां दर्ज हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी की गणना विश्व के चुनिंदा राष्ट्राध्यक्षों में होती है, परंतु उनके यश अर्चन के पीछे त्याग, तपस्या, संघर्ष, सेवा और समर्पण की एक लंबी कहानी है। शून्य से शिखर तक की उनकी यात्रा में न जाने कितने अवरोध आए, परंतु कठिन से कठिन अवरोध भी उन्हेंं राष्ट्र सेवा के मार्ग से विचलित नहीं कर सका। वह मार्ग के अवरोधों को मील के पत्थरों में बदलते चले गए। मुश्किलों पर मोदी की जीत का सिलसिला कायम है। इसीलिए देश की जनता ने उन्हेंं सिर आंखों पर बैठाया है।

देशवासियों का अटूट विश्वास ही मोदी का असली संबल और सियासी जीवन की अमूल्य पूंजी है

देशवासियों का अटूट विश्वास ही मोदी जी का असली संबल और उनके राजनीतिक जीवन की अमूल्य पूंजी है। देशवासियों का यह भरोसा ही स्वर्णिम भारत के सुनहरे भविष्य के उनके स्वप्न को साकार करने की इच्छाशक्ति को मजबूत बनाता है। समाज के अंतिम छोर पर खड़े सर्वहारा व्यक्ति के चेहरे पर संतोष और खुशहाली के भाव लाना उनके लिए विकास के असली मायने हैं।

पीएम मोदी कमजोर वर्गों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के प्रति संवेदनशील हैं

वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी समाज के हर तबके की तकलीफों को दूर करने के लिए प्राणपण से जुटे हैं, परंतु कमजोर वर्गों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के प्रति वे विशेष रूप से संवेदनशील हैं। उनके सामाजिक-आर्थिक उन्नयन हेतु अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के प्रथम वर्ष में लागू की गई जन-धन योजना इस दिशा में पहला कदम थी। जो गरीब कभी बैंकों के अंदर कदम रखने में भी संकोच करते थे, उन्हेंं जन-धन योजना के तहत बैंकों में खाता खुलवाने का अवसर प्राप्त हुआ। इससे केंद्र एवं राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं के तहत दी जाने वाली सहायता राशि सीधे गरीबों के खातों में पहुंचने लगी। इस योजना ने बिचौलियों की भूमिका पर पूरी तरह से विराम लगा दिया और शत-प्रतिशत राशि हितग्राहियों को मिलने लगी। जन-धन खातों के कारण ही लॉकडाउन के दौरान गरीब तबके को सरकार की सहायता राशि के लिए यहां-वहां भटकने से मुक्ति मिली।

किसानों की तकलीफों से वाकिफ प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि की योजना शुरू की

किसानों की तकलीफों से वाकिफ प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि की योजना शुरू की और साल में तीन बार किसानों के खाते में सहायता राशि जमा होने लगी। खरीफ और रबी की मुख्य फसलों की लागत में बढ़ोतरी के चलते मोदी सरकार ने उक्त फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का फैसला किया। गरीब महिलाओं की सुविधा हेतु उज्ज्वला योजना के तहत करोड़ों की संख्या में नि:शुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए। तीन तलाक की सदियों पुरानी कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं के सम्मान और गरिमा को जो ठेस पहुंचती थी, उसे समाप्त करने के लिए सरकार ने तीन तलाक के उन्मूलन हेतु ऐतिहासिक कानून बनाया।

मोदी सरकार की एक देश-एक राशन कार्ड की योजना से प्रवासी मजदूरों को मिली सुविधा

कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने हेतु जब सरकार ने लॉकडाउन लागू करने का फैसला किया, तब प्रवासी मजदूरों के सामने जीवन-यापन का भीषण संकट उपस्थित हो गया। ऐसे में मोदी सरकार ने एक देश-एक राशन कार्ड की योजना प्रारंभ की। इससे प्रवासी मजदूरों को यह सुविधा मिली कि वे देश में कहीं भी राशन दुकान से अनाज प्राप्त कर सकें, भले ही उनका राशन कार्ड अन्य शहर में बना हो। प्रधानमंत्री ने गरीब सवर्णों के लिए शिक्षा में दस प्रतिशत आरक्षण का जो फैसला किया, वह भी एक ऐसा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग दशकों से की जा रही थी, परंतु पिछली सरकारें अनिश्चय का शिकार बनी रहीं।

राष्ट्र की अखंडता, एकता और संप्रभुता की रक्षा प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि

राष्ट्र की अखंडता, एकता और संप्रभुता की रक्षा प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि है। चुनौती बनने की कोशिश करने वाली अंदरुनी और बाहरी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने में मोदी कभी पीछे नहीं रहे। चीनी राष्ट्रपति के भारत प्रवास के दौरान उनके स्वागत-सत्कार में प्रधानमंत्री ने कोई कमी नहीं छोड़ी, परंतु जब चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की संप्रभुता के लिए चुनौती पेश करने की कुचेष्टा की तो प्रधानमंत्री मोदी ने उसे उसी की भाषा में जवाब देने के लिए भारतीय सेना को अनुमति प्रदान करने में तनिक भी देर नहीं की। केंद्र की पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने फ्रांस के साथ जिन रक्षा सौदों को वर्षों तक लंबित रखा, उन्हेंं अंतिम रूप देने में भी मोदी सरकार ने देर नहीं की।

राफेल विमानों की पहली खेप भारत पहुंची, इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है

यदि फ्रांस से राफेल विमानों की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है तो उसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को ही जाता है। अब यह विवाद का विषय नहीं कि चीन की हिमाकत को देखते हुए राफेल विमानों की हमें कितनी आवश्यकता थी। भारत ने पाकिस्तान को भी सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के जरिये यह बात अच्छी तरह समझाई कि भारत में आतंकियों को बढ़ावा देने की उसे भारी कीमत चुकानी होगी।

कोरोना वायरस से उपजे संकट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया

कोरोना वायरस से उपजे संकट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया। इस अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा भी की गई। प्रधानमंत्री ने लोकल के लिए वोकल का नारा देकर एक अनूठी पहल की। राष्ट्रीय मसलों की तरह अंतरराष्ट्रीय मसलों पर भी प्रधानमंत्री मोदी अपनी राय बेबाकी से रखते हैं। जलवायु परिवर्तन से संबंधित एक बैठक में मोदी जी ने दो टूक कहा था कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बातों का समय अब बीत चुका।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा और वर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप मोदी के मुरीद हैं

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, दोनों ही मोदी के मुरीद हैं। यह मोदी जी की पहल का ही असर था कि संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का फैसला आनन-फानन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने विगत छह वर्षों में जो ऐतिहासिक और साहसिक फैसले किए हैं, उनके सकारात्मक प्रभाव सामने आने लगे हैं।

मोदी के कार्यकाल में ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूर्ण होने की संभावनाएं

मोदी की उल्लेखनीय उपलब्धियों की फेहरिस्त लंबी है, परंतु सदियों पुराने अयोध्या विवाद का शांति पूर्ण समाधान और श्रीराम मंदिर का उनके करकमलों से भूमि पूजन का उल्लेख आवश्यक है। अब यह तय माना जा सकता है कि उनके वर्तमान कार्यकाल में ही मंदिर का निर्माण पूर्ण होने की संभावनाएं प्रबल हो उठी हैं। मोदी इसके लिए अग्रिम बधाई के हकदार हैं।

( लेखक केंद्रीय मंत्री हैं )

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